
आमेर -राजस्थान में चुनावों के लिए कहा जाता है कि यह मुद्दों से शुरू जरूर होता है, लेकिन खत्म जातियों पर ही होता है। आमेर में बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने अपनी हार के लिए भी जातियों को ही जिम्मेदार बताया है। ऐसा माना जा रहा था इस बार सतीश पूनियां के लिए आमेर का मुकाबला बेहद कठिन रहने वाला है, क्योंकि यहां ब्राह्मणों के वोट इस बार प्रशांत शर्मा के पक्ष में लामबद्ध हो रहे थे। इसका असर नतीजो में भी दिखा। कांग्रेस के प्रशांत शर्मा ने उन्हें 9 हजार से भी ज्यादा वोटों हरा दिया। पूनिया को यह हार कितना कचोट रही है इसका अंदाजा उनके सोशल मीडिया पर साझा किए गए पोस्ट से लग रहा है। उन्होंने भविष्य में आमेर में काम करने से इंकार कर दिया है। “लोकतंत्र में जनता जनार्दन होती है, मैं आमेर की जनता के निर्णय को स्वीकार करता हूं और कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी श्री प्रशांत शर्मा जी को बधाई देता हूं, आशा करता हूं कि वो आमेर के विकास को यथावत गति देते रहेंगे और जन भावनाओं का सम्मान करेंगे।”उन्होंने कहा “आमेर से मेरा रिश्ता दस बरसों से है, 2013 में पार्टी के निर्देश पर चुनाव लड़ने आया था, चुनाव में मात्र 329 वोटों की हार हुई लेकिन भाजपा की सरकार के दौरान हमने यहां विकास को मुद्दा बनाकर काम किया। हालांकि लोग कहते हैं कि यहां बड़ी-बड़ी जातियों का बाहुल्य है और जातियों के इस जंजाल में जाति से ऊपर उठकर कोई विकास की सोचें थोड़ा मुश्किल है, 2013-2018 में हमने कोशिश की, थोड़ा सफल हुए, विकास कार्यों से लेकर कोरोना के दौरान सेवा कार्यों से लोगों में भरोसा पैदा करने की कोशिश की थी, लेकिन शायद लोगों को समझाने में हम विफल रहे।”