कृषि कानूनों का निरस्तीकरण विधेयक, 2021 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने प्रदान कर दी। इसे संसद के दोनों सदनों ने शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन ध्वनिमत से पारित किया था।
सोमवार को विपक्षी सदस्यों के जबर्दस्त शोरशराबे के बीच पहले लोकसभा ने और फिर राज्यसभा ने कृषि कानूनों का निरस्तीकरण विधेयक, 2021 को पारित किया था। विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराना चाहते थे। दोनों ही सदनों में सरकार द्वारा पेश करने के कुछ ही मिनटों के भीतर विधेयक को पारित कर दिया गया था। इससे पहले 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। इन कानूनों में किसानों की उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा पर किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) समझौता अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 शामिल हैं। इन कानूनों के खिलाफ, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी जामा पहनाने और अन्य मांगों को लेकर लगभग एक साल से प्रदर्शनकारी आंदोलन कर रहे थे।