EKhabri (प्रीति शुक्ला)
दीपावली न सिर्फ दीपो और उत्सव का त्यौहार है वरन इसके हर दिन से जुड़ी एक नई कथा है। जैसे कि आज नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी है। दीपावली में धनतेरस तक घर की सफाई पूरी हो जाती है। इसलिये आज का दिन खुद के बनाव-सिंगार का है। आज के दिन उबटन लगा कर खुद को सुसज्जित किया जाता है।
पर इसमे ये समझना आवश्यक है कि सृंगार सिर्फ तन का नहीं अपितु मन का भी होना चाहिए। अपने मन के मेल को भी उतर जाने दें और स्वच्छ तन और मन के साथ मां लक्ष्मी का पूजन करें।
क्योंकी त्यौहार एवम पूजन में महत्व सामग्री या दिखावे का नहीं अपितु भावनाओ एवम भक्ति का होता है। इसलिये आइये स्वच्छ तन, मन, धन से देवी की आराधना करें।