1993 में रिलीज हुई जापानी-इंडियन एनिमेटेड फिल्म ‘रामायण – द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम’ को उस वक्त दर्शकों से तगड़ी सराहना मिली थी। रामायण की कहानी को कार्टून अवतार में देखना दर्शकों के लिए एक नया और दिलचस्प अनुभव था। फिल्म का प्रदर्शन जितनी बार टीवी पर हुआ, उतनी बार इसे जबरदस्त टीआरपी मिली। अब मेकर्स इस फिल्म को एक बार फिर से सिनेमाघरों में रिलीज करने जा रहे हैं, लेकिन इस बार फिल्म को 4K में प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे ऑडियो और वीडियो क्वालिटी पहले से कहीं बेहतर होगी।
फिल्म को हिंदी, तेलुगू, अंग्रेजी और तमिल में रिलीज किया जाएगा। इसकी सिनेमाघरों में रिलीज डेट 24 जनवरी तय की गई है। गीक पिक्चर्स इंडिया, एए फिल्म्स और रितेश सिधवानी के एक्सेल एंटरटेनमेंट ने फिल्म के वितरण की जिम्मेदारी संभाली है। इस फिल्म के क्रिएटिव अडैप्शन की जिम्मेदारी दिग्गज डायरेक्टर एसएस राजामौली के पिता वी विजयेंद्र प्रसाद ने संभाली है, जो बाहुबली और आरआरआर जैसी फिल्मों के लिए प्रसिद्ध हैं।
फिल्म का ट्रेलर 10 जनवरी को रिलीज किया जाएगा, जबकि पहले इसे 18 अक्टूबर को रिलीज करने की योजना थी। गीक पिक्चर्स के मुताबिक, दर्शकों से मिले उत्साही प्रतिक्रिया के बाद फिल्म की रिलीज डेट को आगे बढ़ाया गया। इस फिल्म में रावण की आवाज़ अमरीश पुरी ने दी थी, राम की आवाज़ अरुण गोविल और सीता की आवाज़ नम्रता सावने ने दी थी। फिल्म का नरेशन शत्रुघ्न सिन्हा ने किया था।
फास्टैग से जुड़े नए नियम महाराष्ट्र में 1 अप्रैल से लागू होने वाले है। यदि आप महाराष्ट्र में रहते हैं और आपके वाहन पर फास्टैग नहीं है, तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी राजमार्गों पर फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है। पहले यह नेशनल हाईवे पर लागू था, लेकिन अब राज्य के सभी हाइवे पर यह नियम लागू होगा। जिन वाहनों पर फास्टैग नहीं होगा, उन्हें डबल टोल टैक्स चुकाना पड़ेगा।
महाराष्ट्र सरकार ने 1 अप्रैल से प्रदेश के 22 राजमार्गों पर फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है। परिवहन विभाग ने इस फैसले को मंजूरी दी है। इसके तहत 13 लोकनिर्माण विभाग और 9 महाराष्ट्र सड़क विकास निगम के राजमार्गों पर टोल टैक्स चुकाने के लिए फास्टैग जरूरी होगा। सरकार का उद्देश्य टोल कलेक्शन में पारदर्शिता बढ़ाना और टोल प्लाजा पर भीड़ को कम करना है।
टोल कलेक्शन का नया तरीका फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जिसके जरिए टैक्स स्वत: कट जाता है। इससे वाहनों को लंबी कतारों में खड़ा होने की जरूरत नहीं होती। फास्टैग को वाहन मालिक के अकाउंट से लिंक किया जाता है, और टोल टैक्स सीधे अकाउंट से कट जाता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 2021 से ही फास्टैग नीति को लागू किया है, और अब महाराष्ट्र सरकार ने भी इसे लागू कर दिया है। 1 अप्रैल से लागू होने वाले इस नए नियम के तहत, जिन वाहनों पर फास्टैग नहीं होगा, उन्हें डबल टोल टैक्स चुकाना पड़ेगा।