महामारी विज्ञान से जुड़े पूर्व के अध्ययनों में पता चल चुका है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अल्जाइमर का खतरा दोगुना होता है, लेकिन इसका कारण अबतक अस्पष्ट था। ‘नेचर” पत्रिका में प्रकाशित हालिया अध्ययन में इस रहस्य से पर्दा उठाया गया है। अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे सबकुछ भूलने लगता है। चाइनीज एकेडमी आफ साइंसेज के शेनझेन इंस्टीट्यूट आफ एडवांस टेक्नोलाजी (एसआइएटी) के प्रोफेसर केकियांग ये के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में दशकों से लोगों को हैरान करने वाले इस रहस्य के बारे में बताया है। अपने पिछले अध्ययनों को एकीकृत करते हुए प्रो. ये की टीम ने यह सिद्धांत स्थापित किया कि सी/ईबीपीबी/एईपी (एक प्रकार का एंजाइम) मार्ग न्यूरोडीजेनेरेटिव के रोगजनन को नियंत्रित करने वाला मुख्य कारक है। प्रो. ये ने कहा, ‘इस सिद्धांत के आधार पर हमारी टीम ने महिला हार्मोन की खोज की जो मेनोपाज के दौरान नाटकीय रूप से बदल जाती है। इसके बाद परीक्षण किया गया कि कौन सा हार्मोन सी/ईबीपीबी/एईपी मार्ग को सक्रिय करता है।” टीम ने प्रमुख रोगजनक कारक के रूप में फालिसिल-स्टिमुलेटिंग हार्मोन (एफएसएच) की पहचान की। शोध निष्कर्षों से पता चला कि मेनोपाज (रजोनिवृत्ति) के बाद एफएसएच में वृद्धि न्यूरांस में एफएसएच रिसेप्टर को बांधती है और सी/ईबीपीबी/एईपी मार्ग को सक्रिय करती है, जो अल्जाइमर के रोगजनकों को उत्तेजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।