घरेलू मोर्चे पर वृहद आर्थिक आंकड़े, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा और रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े घटनाक्रम इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) के रुख और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भी बाजार की धारणा तय होगी।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, ‘इस सप्ताह भारतीय बाजारों के लिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति एक महत्वपूर्ण कारक होगी। यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लगातार बिकवाली के बाद नए वित्त वर्ष में एफपीआइ का रुख किस तरह का रहता है। हालांकि, पिछले सप्ताह उनके रुख में बदलाव आया है।” रेलिगेयर ब्रोकिंग के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ सभी की निगाहें आठ अप्रैल को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक के नतीजों पर रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘वृहद मोर्चे पर सप्ताह के दौरान चार और छह अप्रैल को क्रमश: मैन्यूफैक्चरिंग और सेवाओं के पीएमआइ आंकड़े आएंगे।” इन सबके बीच वैश्विक संकेतक जैसे रूस- यूक्रेन युद्ध और कच्चे तेल की कीमतों पर भी सभी का ध्यान रहेगा। पिछले सप्ताह सेंसेक्स 1,914.49 अंक यानी 3.33 प्रतिश्ात और निफ्टी 517.45 अंक यानी 3.01 प्रतिशत के लाभ में रहे। शेयर बाजारों ने वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छे लाभ के साथ की। सेंसेक्स शुक्रवार को 708 अंक से अधिक की तेजी के साथ 59,000 अंक पर पहुंच गया। बीते वित्त वर्ष की बात करें तो बीएसई सेंसेक्स 9,059.36 अंक यानी 18.29 प्रतिशत उछला, जबकि निफ्टी 2,774.05 अंक यानी 18.88 प्रतिशत के लाभ में रहा।