अमेरिका स्थित इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक खास मालिक्यूल (अणु) की खोज की है, जो अस्थमा व खाद्य एलर्जी के मरीजों के फेफड़ों की क्रियाशीलता बढ़ा सकती है। अध्ययन निष्कर्ष ‘साइंस इम्यूनोलाजी” नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। माइक्रोबायोलाजी एवं इम्यूनोलाजी विभाग के अध्यक्ष तथा अध्ययन के वरिष्ठ लेखक मार्क कपलान के अनुसार, ‘अमेरिका के लाखों बच्चे व वयस्क अस्थमा के मरीज हैं। एलर्जी के कारण फेफड़ों में होने वाली सूजन इसकी प्रमुख वजह है। सूजन के लिए कोशिकाओें के बीच एक दूसरे से संवाद की क्षमता बेहद अहम होती है। फेफड़ों में सूजन तब होती है, जब साइटोकाइन नामक मालिक्यूल निर्गत होने लगता है।” अस्थमा व खाद्य एलर्जी के मरीजों में इंटरल्यूकिन -9 (आइएल-9) नामक साइटोकाइन पाया जाता है, जो सूजन के लिए जिम्मेदार होता है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आइएल-9 सूजन को कैसे बढ़ाता है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है कि आइएल-9 का मुख्य निशाना विशेष कोशिकाएं होती हैं, जिन्हें माइक्रोफेज कहा जाता है। उन्होंने पाया कि आइएल-9 का रिसेप्टर जब नहीं था, तब फेफड़ों में संक्रमण कम हुआ। यह भी मालूम हुआ कि आइएल-9 की क्रियाशीलता के लिए माइक्रोफेज अहम है। कपलान ने कहा, ‘एलर्जी की वजह से होने वाले फेफड़ों के संक्रमण के मामले में हमारा अध्ययन काफी अहम है और यह बीमारी के इलाज का नया मार्ग प्रशस्त करता है।”