भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और सलामी बल्लेबाज केएल राहुल श्रीलंका के विरुद्ध 3 जनवरी से शुरू हो रही घरेलू सीरीज में नहीं खेल पाएंगे। सूत्रों के अनुसार, रोहित अभी तक हाथ के अंगूठे की चोट से पूरी तरह नहीं उबर सके हैं। बांग्लादेश के विरुद्ध दूसरे वनडे में रोहित के अंगूठे में चोट लगी थी। वहीं, सीरीज के दौरान केएल राहुल शादी के बंधन में बंधेंगे।
श्रीलंका को भारत में 3 से 15 जनवरी के बीच तीन टी-20 और तीन वनडे मैच खेलने हैं। बल्लेबाजी के लिहाज से रोहित और राहुल दोनों के लिए 2022 कुछ खास नहीं रहा है। इस साल दो टेस्ट में रोहित ने 30 की औसत से महज 90 रन बनाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 46 रहा है। वहीं, आठ वनडे मैचों में रोहित ने 41.50 की औसत से 249 रन बनाए हैं। इसमें नाबाद 76 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। टी-20 मुकाबलों की बात करें तो रोहित ने 20 मैच खेले और 24.29 की औसत से 656 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 134.42 रहा और उन्होंने तीन अर्धश्ातक भी जड़े। कुल मिलाकर 40 पारियों में रोहित के नाम 995 रन रहे और वह 1000 रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके। इस दौरान उन्होंने छह अर्धशतक लगाए। 2012 के बाद यह पहला मौका है, जब उनके बल्ले से एक भी श्ातक नहीं निकला।
वहीं, केएल राहुल की बात करें तो केएल ने दस टेस्ट मैच खेले और 17.12 की औसत से सिर्फ 137 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने एक अर्धशतक लगाया। 10 वनडे मैचों में उन्होंने 27.88 की औसत से 251 रन बनाए और दो अर्धशतक जड़े। 73 रन उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। राहुल ने 2022 में 16 टी-20 मैचों में 28.93 की औसत से 434 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से छह अर्धशतक आए और 62 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। इस साल राहुल ने 30 मैचों में 25.68 की औसत से 822 रन बनाए। इसमें नौ अर्धशतक हैं।
श्रीलंका के विरुद्ध घरेलू सीरीज का कार्यक्रम
3 जनवरी, पहला टी-20, मुंबई
5 जनवरी, दूसरा टी-20, पुणे
7 जनवरी, तीसरा टी-20, राजकोट
10 जनवरी, पहला वनडे, गुवाहाटी
12 जनवरी, दूसरा वनडे, कोलकाता
15 जनवरी, तीसरा वनडे, तिरुवनंतपुरम
पदार्पण से मेरे साथ एक धारणा जुड़ गई : अश्विन
बांग्लादेश के विरुद्ध भारत की जीत के नायक रहे रविचंद्रन अश्विन ने उन लोगों पर निशाना साधा है जो उन्हें खेल के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचने वाला (ओवरथिकर) मानते हैं। अश्विन ने ट्वीट किया, यह मेरे बारे में एक एक धारणा है जो कि तब से मेरे साथ जुड़ी हुई है, जब मैंने पूरे गर्व के साथ भारतीय टीम की पोशााक पहनी थी। मैंने पिछले कुछ समय से इस बारे में सोचना शुरू किया और अब मुझे लगता है मुझे लोगों के दिमाग से यह शब्द मिटाने के लिए जनसंपर्क का सहारा लेने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
अश्विन ने कहा, प्रत्येक व्यक्ति की यात्रा विशेष और अनूठी होती है। इस यात्रा में किसी को ज्यादा सोचने की जरूरत पड़ती है तो किसी को नहीं। जब भी कोई कहता है कि मैं बहुत ज्यादा सोचता हूं तो मैंने हमेशा अपने बारे में यही सोचा है कि मैं इसी तरह से क्रिकेट खेलता हूं और उस तरह से नहीं खेलता हूं जैसे मैं अन्य को सलाह देता हूं। अंत में, मैं खेल के बारे में बहुत गहराई से सोचता हूं और अपने विचार साझा करता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि विचार साझा करने से अधिक उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। हो सकता है कि यह लोकप्रिय न हों लेकिन मेरा लक्ष्य शाब्दिक जंग जीतना नहीं बल्कि कुछ सीखना है।