हंटिगटन डिजीज (एचडी) एक आनुवंशिक मस्तिष्क विकार है, जो हंटिगटन नामक जीन में म्युटेशन के कारण पैदा होता है। तंत्रिका तंत्र संबंधी इस विकार का कोई इलाज नहीं है। इसमें पीड़ित के व्यक्तित्व तक में बदलाव आ जाता है। इसके लक्षण डिमेंशिया जैसे होते हैं और इसकी वजह से लोगों की जान तक जा सकती है। इस प्रकार के लक्षण मस्तिष्क कोशिकाओं के नुकसान के कारण पैदा होते हैं।
मस्तिष्क कोशिकाओं की क्षति सिनेप्स में बाधा की वजह से होती है। सिनेप्स मस्तिष्क की कार्य प्रणाली के लिए काफी अहम होता है। अध्ययन निष्कर्ष एक्टा न्यूरोपैथोलाजिका नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। कोरिया इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी (केआइएसटी) स्थित ब्रेन साइंस इंस्टीट्यूट (बीएसआइ) के प्रमुख शोधकर्ता डा. जिहये सेओंग व डा. हून रयू के नेतृत्व में हुए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि एचडी पीड़ितों में फोकल एढेशन किनेज (एफएके) की गतिविधि में काफी कमी आई है। यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो एचडी पीड़ितों के मस्तिष्क के ऊतकों में न्यूराइट की गतिशीलता और सिनेप्स निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्रियाशील एफएके प्रोटीन मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे न्यूराइट के नष्ट होने व सिनेप्स के निर्माण के लिए अहम होते हैं। केआइएसटी के शोधकर्ताओं ने चूहे पर अध्ययन के दौरान एचडी कोशिकाओं में एफएके की गतिशीलता व मस्तिष्क के ऊतकों में भारी कमी पाई।