एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं देते तो सरकार बहाल हो सकती थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही महाराष्ट्र में एक साल से चल रही राजनीतिक उठापठक थम गई।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया, बल्कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया था। ऐसे में कोर्ट इस्तीफा को रद्द तो नहीं कर सकता है और न तो हम पुरानी सरकार को बहाल नहीं कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की उस याचिका पर फैसला सुनाया है, जिसमें शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी। फैसले के बाद शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि वह विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लेगा। इसके लिए स्पीकर को जल्द फैसला लेने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के निर्णय को भी गलत ठहराया। अब स्पीकर को शिवसेना के 16 बागी विधायकों पर जल्द फैसला करना होगा। कोर्ट ने कहा कि सदन के स्पीकर द्वारा शिंदे गुट की ओर से प्रस्तावित स्पीकर गोगावले को चीफ व्हिप नियुक्त करना अवैध फैसला था। स्पीकर को सिर्फ राजनीतिक दल की ओर से नियुक्त व्हिप को ही मान्यता देनी चाहिए थी।