भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने दावा किया है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना संक्रमण् से सुरक्षा प्रदान करने में कोरोना वैक्सीन बहुत कारगर पाई गई हैं। इस संबंध में तमिलनाडु के पुलिसकर्मियों पर अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में पाया गया है कि वैक्सीन की सिंगल डोज मौत के खतरे को 82 फीसदी कम कर देती है।
आइसीएमआर ने भी ट्वीट किया कि अध्ययन से सामने आया है कि कोविड वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर्स में मौत को रोकने में कारगर है। राज्य पुलिसकर्मियों पर किए गए अध्ययन में यह सामने आया है कि वैक्सीन की सिंगल डोज महामारी से मौत के खतरे को 82 फीसदी और दोनों डोज 95 फीसदी कम कर देती है।
इससे पहले, आइसीएमआर ने पंजाब के पुलिसकर्मियों पर भी इसी तरह का अध्ययन किया था। इसमें कहा था कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज महामारी से होने वाली मौत के खतरे को 98 फीसदी कम करती है और एक डोज करीब 92 फीसदी बचाव करती है।