गुस्सा और मतभेद बारिश के समान होनी चाहिए, जिनके रहने का न कोई निश्चित समय होता है और न ही अधिक समय तक का ठहराव। लेकिन स्नेह और प्रेम हवा की तरह होना चाहिए, जिसकी उपस्थिति का एहसास जीवन के हर पल हमें होता रहे।
गुस्सा कभी भी किसी के लिए अच्छा नहीं होता। इसको करने वाला तो एक इंसान होता है, पर हानि उस एक इंसान से जुड़े कहीं लोगों की साथ मे होती है। ऐसा ही एक शब्द है मतभेद जिसके जीवन में आते ही दो लोगो के बीच में भेद हो जाता है जिसका परिणाम अभी अच्छा नही होता यही कारण है इन दोनों से जीवन में दूरी बनाए रखने की सीख दी जाती है।