सब्जियों और दालों में ‘तड़का’ अब और तीखा हो गया। टमाटर अभी अपनी लाली बढ़ा ही रहा था कि मसालों से भी गंध बढ़ा दी। मसालों की कीमतों में वृद्धि से रसोई का बजट गड़बड़ाने लगा है। सर्वाधिक उपयोग में आने वाला जीरा अब रसोई में सबसे महंगी सामग्रियों में से एक हो गया है। इसकी कीमत अप्रैल में 400 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 750 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुकी है। इसी तरह खरबूजे के बीज (मगज) और लौंग जैसे कई अन्य मसालों की कीमतें बढ़ गई हैं।
खरबूजे के बीज की कीमत फिलहाल 750 रुपये किलो है, तीन महीने पहले 300 रुपये प्रति किलो बिक रही थी। इसी तरह, लौंग की कीमत अप्रैल में 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर अब 1,200 रुपये हो गई है। व्यापारी इसके लिए कम पैदावार, चक्रवात बिपरजॉय के कारण खराब परिवहन और अब मानसूनी बारिश को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
एक किराने की दुकान के मालिक ने कहा कि हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि हम उन्हें बहुत अधिक कीमत पर खरीद रहे हैं। जीरा और तरबूज के बीज की कीमतें तीन महीने में लगभग दोगुनी हो गई हैं।” बुआई के दौरान अधिक वर्षा के कारण मौसम के मिजाज में अचानक बदलाव के कारण प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में किसानों ने सरसों जैसी अन्य फसलों की ओर रुख कर लिया है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक बारिश से हल्दी और मिर्च जैसे अन्य मसालों की कीमतों में उछाल आ सकता है।