विश्व भर में आतंकवाद के खतरे पर पाकिस्तान में आतंकी संगठन नित-नया रूप और नाम रख लेते हैं। यह आतंकी संगठन परोक्ष युद्ध में अपने भू-राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं।
सिंगापुर में वर्ष 2020 के आतंकवाद पर जारी अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान से आतंकी संगठनों का संचालन जारी है। इसमें अफगान तालिबान और उससे संबद्ध हक्कानी नेटवर्क शामिल हैं। साथ ही भारत को निशाना बनाने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसके कई अन्य संगठन सक्रिय हैं। इनमें प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने भी पाकिस्तान से आतंकी हमले करने जारी रखा है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने वर्ष 2015 के आतंकवाद के खिलाफ नेशनल एक्शन प्लान पर काम करने में कोई रुचि नहीं ली है। खासकर उसने अपने सभी आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने में देरी नहीं करने या भेदभाव नहीं बरतने के अपने वादे को बिल्कुल भी नहीं निभाया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान अन्य आतंकियों जैसे जैश के संस्थापक और संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित आतंकी मसूद अजहर और वर्ष 2008 के मुंबई हमले के कर्ताधर्ता साजिद मीर को पाकिस्तान में हर बात की खुली छूट है।
सिंगापुर रिपोर्ट के मुताबिक जैश की आनलाइन पत्रिका ‘अलनूर” में मसूद अजहर ने अपने एक लेख में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए तालिबान को बधाई देते हुए कहा कि अमेरिका की हार के मायने हैं कि उसका दुनिया में सुपर पावर होने का रुतबा खत्म हो गया है।
अमेरिकी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिस आतंकी उमर शेख ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की वर्ष 2002 में पाकिस्तान में हत्या की थी, उस आतंकी और उसके तीन अन्य साजिशकर्ता को सिंध हाई कोर्ट ने बरी करने का आदेश देकर रिहा कर दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान वैश्विक समुदाय से किए आतंकवाद के खात्मे के अपने वादे को लेकर कभी भी गंभीर नहीं था।