कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन के साथ ही अगले अध्यक्ष पद के चेहरे को लेकर असमंजस का पटाक्षेप हो गया। अशोक गहलोत के रेस से हटने के बाद अध्यक्ष पद की दौड़ में शााामिलल कई नेताओं को पीछे छोड़ते हुए 80 वर्ष के खड़गे ने अपनी निष्ठा और लंबे राजनीतिक अनुभवों के सहारे कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए गांधी परिवार का भरोसा जीत लिया।अब चुनावी मुकाबले में खड़गे की टक्कर असंतुष्ट खेमे के मुखर और तेज तर्रार नेता 66 वर्षीय शशि थरूर से होगी।
खड़गे की उम्मीदवारी आश्चर्यजनक रूप से कांग्रेस के लिए राहतभरी दिखी क्योंकि पार्टी के असंतुष्ट समूह-23 के तमाम नेता न केवल उनके प्रस्तावक बने बल्कि पर्चा दाखिल करने के दौरान मौजूद रहकर लंबे अर्से बाद पार्टी में असंतोष का दौर थमने की पहली उम्मीद भी जगाई। इससे थरूर को असंतुष्ट खेमे के बदले रुख से झटका लगेगा। इस खेमे के नेताओं ने खड़गे का सीधे समर्थन किया है और थरूर को केवल शुभकामना दी है। खड़गे और थरूर के बीच चुनावी मुकाबले की तस्वीर साफ होने के बाद यह भी तय हो गया है कि 24 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष का पद गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति के हाथों में जाएगा।
1998 में सीताराम केसरी को हटाए जाने के बाद सोनिया गांधी दिसंबर 2016 तक लगातार अध्यक्ष रहीं और फिर राहुल गांधी ने कमान संभाली। लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया और तब से सोनिया अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पार्टी की कमान संभाल रही हैं। अगर खड़गे अध्यक्ष चुने जाते हैं तो 26 साल बाद कांग्रेस की कमान किसी दक्षिण्ा भारतीय नेता के हाथों में होगी। इससे पहले दक्षिण भारतीय पीवी नरिसंह राव 1992 से 1996 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे थे।
खड़गे के नामांकन में दिखी कांग्रेसी एकजुटता : नामांकन के लिए खड़गे दोपहर करीब 1:45 बजे कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पहुंचे तो वहां पार्टी के तमाम नेता प्रस्तावक के रूप में उनका समर्थन करने के लिए मौजूद थे। इसमें खड़गे के पक्ष में अध्यक्ष पद की दौड़ से हटने वाले दिग्विजय सिह और राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के साथ एके एंटनी, अंबिका सोनी, कुमारी सैलजा, पवन बंसल, मुकुल वासनिक जैसे चेहरे शामिल थे। इससे भी ज्यादा अहम यह था कि हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिह हुड्डा, आनंद शर्मा मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण के रूप में पूरा असंतुष्ट खेमा भी खड़गे का समर्थन करने के लिए मौजूद था।
थरूर और त्रिपाठी ने भी भरा नामांकन : खड़गे से पूर्व थरूर ने दोपहर करीब 12:30 बजे अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर नामांकन दाखिल किया। खड़गे की उम्मीदवारी को पार्टी प्रतिष्ठान का समर्थन होने की बात कह साफ कर दिया कि यह निरंतरता को जारी रखने के लिए है। उन्होंने कहा कि खड़गे कांग्रेस के भीष्म पितामह हैं और उनका कोई निजी विरोध नहीं मगर देश और पार्टी की मौजूदा चुनौतियों के लिए कांग्रेस में कई बदलाव की जरूरत है। कांग्रेस देश में बदलाव लाने वाली पार्टी बने इस मकसद से वे सभी 9,000 से अधिक डेलीगेट के सामने अपना एजेंडा रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी मुकाबले से हटने का सवाल नहीं है। थरूर के बाद तीसरे प्रत्याशी के रूप में झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने भी अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भरा है।