जबलपुर। धोखाधड़ी कर लोगों को लूट कर गायब होने की घटनाएं तो बहुत सुनी है। वहीं लोग अलग-अलग प्रकार से
ठगी करते हैं और गायब हो जाते हैं। पर कभी आपने ऐसा सुना है कि एक अस्पताल ही गायब हो जाए। वह भी वो अस्पताल जिसने कोरोना वैक्सीन के 10 हजार डोज के ऑर्डर दिए हों। जी हां ऐसा ही एक मामला जबलपुर से सामने आया है, जिसने स्वासथ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। जबलपुर का स्वास्थ्य महकमा पिछले कुछ दिनों से एक ऐसे अस्पताल की खोज में है, जिसने सीरम इंस्टीट्यूट में 10 हजार कोविशिल्ड का ऑर्डर दे रखा है. विभाग के अफसरों का दावा है कि जिस अस्पताल ने 10 हजार वैक्सीन का ऑर्डर दिया है वो अस्पताल जबलपुर में है ही नहीं। दरअसल 25 मई को सीरम इंस्टीट्यूट में मध्य प्रदेश के 6 निजी अस्पतालों ने कोविशील्ड का आर्डर दिया था. इसमें भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर के एक-एक हॉस्पिटल का नाम था और इंदौर के तीन अस्पताल थे। जबलपुर से मैक्स हेल्थ केयर नाम के एक अस्पताल ने सीरम इंस्टीट्यूट में 10 हजार कोविशील्ड का आर्डर दिया था. इतनी बड़ी संख्या में वैक्सीन का आर्डर मिलने के बाद अस्पताल की कोल्ड स्टोरेज क्षमता की जांच के लिए भोपाल हेडक्वार्टर से जबलपुर के स्वास्थ्य महकमे को अस्पताल के संबंध में जानकारी जुटाने का आदेश आया. आदेश के बाद जबलपुर के टीकाकरण अधिकारी मैक्स हेल्थ केयर अस्पताल की जानकारी जुटाने में लग गए, लेकिन काफी खोजबीन करने के बाद इस नाम का जबलपुर में ना तो कोई हॉस्पिटल है और ना ही कोई क्लीनिक मिला।
गुमनाम अस्पताल की हकीकत पर कई सवाल हुए खड़े
अस्पताल ना मिलने के बाद टीकाकरण अधिकारी ने हॉस्पिटल ना होने की जानकारी भोपाल हेडक्वार्टर भेज दी. अब सवाल यह खड़ा होता हैं कि आखिरकार किसने इतनी बड़ी मात्रा में वैक्सीन का आर्डर दिया था और ऑडर देने वाले ने आखिरकार क्यों गलत पता दिया. हालांकि टीकाकरण अधिकारी के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट से वैक्सीन रवाना हुई या नहीं इस बात की जानकारी उनके पास नहीं है, लेकिन टीकाकरण अधिकारी का कहना है कि उनकी जानकारी के बिना शहर में कोई भी हॉस्पिटल वैक्सीन नहीं लगा सकता।