साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को है। साल का यह सबसे बड़ा ग्रहण माना जा रहा है। इस दौरान सूर्य एक चमकीले छल्ले जैसा नजर आएगा। ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसमें चंद्रमा की छाया सूर्य के 99 फीसदी भाग को ढक लेगी। बताया जा रहा है कि हर 18 साल बाद इस तरह का सूर्य ग्रहण होता है। यह घटना सदा सर्वदा अमावस्या को होती है। ज्योतिष के अनुसार माना जा रहा है कि कोरोना महामारी 2019 के आखिरी सूर्य ग्रहण से शुरू हुई थी और इस साल के पहले सूर्य ग्रहण पर जाकर यह कम होना शुरू हो सकती होगी।
पंडित पवन शास्त्री रीवा वाले ने बताया कि ग्रहण की शुरुआत 21 जून को सुबह 10 बजकर 14 मिनट से होगी। इसका मोक्ष काल 1 बजकर 38 मिनट पर होगा। ग्रहण अपने पूर्ण प्रभाव में 11 बजकर 56 मिनट पर होगा। कुल 3 घंटे 24 मिनट के लिए ग्रहण लगेगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस वजह से यह 20 जून की रात 10 बजकर 14 मिनट से शुरू होगा और ग्रहण की समाप्ति के साथ सूतक खत्म होगा। साल का दूसरा सूर्यग्रहण 14 दिसंबर को पड़ेगा, हालांकि यह भारत में नहीं दिखेगा।
पंडित संतोष महाराज की मानें तो इस सूर्य ग्रहण से ग्रह नक्षत्रों में होने वाले बदलावों से कोरोना महामारी के प्रभाव में कमी होना शुरू हो जाएगी। इस बार सूर्य ग्रहण रविवार को होने की वजह से वर्षा की कमी, गेहूं, धान और अन्य अनाज के उत्पादन में कमी आ सकती है। वहीं गाय के दूध का उत्पादन भी घट सकता है। व्यापारियों के लिए यह ग्रहण अच्छा और लाभ देने वाला माना जा रहा है।
पंडित शिवप्रसाद तिवारी के मुताबिक सूर्य ग्रहण के समय यदि जरूरी न हो तो घर पर ही रहें। तुलसी के पत्तों को जल, दूध, दही, घी आदि में डालकर रखें ताकि ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा जा सके। ग्रहण के दौरान पूजापाठ की मनाही होती है और मूर्तियों को स्पर्श भी नहीं करें। लोगों को भजन जरूर इस दौरान करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर पूजन करें। सूर्य देव की उपासना वाले मंत्रों का उधाारण भी ग्रहण के दौरान करना चाहिए।
विज्ञान की नजर से खगोलीय घटना है सूर्यग्रहण
बीएबी उधा.विद्यालय के प्राचर्य राजेश चांदनी ने बताया कि वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है। कभी-कभी चांद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है। इस घटना को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है। मिथुन को विशेष कष्ट के योग हैं। वृष, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुंभ, मीन को अशुभ के योग बन रहे हैं। मेष, सिंह, कन्या और मकर को शुभ रहेगा। धनु को मध्यम फल रहेगा।
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