रायपुर।साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा जनरल पब्लिक के अलावा राज्य पुलिस एवम प्रशासन अकादेमी में भी अधिकारियों को ट्रेनिंग देती है वहीं साइबर एक्सपर्ट आयुष गुहा एवम सोनाली गुहा केंद्र एवम राज्य की विभिन्न डिपार्टमेंट, अकेडमी, एजेंसीज को अपनी सेवाएं ट्रेनिंग एवम मार्गदर्शन देते हैं। इन्होंने अब तक 17 हज़ार से अधिक छोटे बड़े केसों में लोगों की मदद की है एवम लगातार साइबर सुरक्षा की फील्ड में रिसर्च कर देश को नई ऊंचाइयों पर पहुचाने में जुटे हुए हैं। छत्तीसगढ़ के जाने माने साइबर एक्सपर्ट्स मोनाली गुहा, सोनाली गुहा एवम आयुष गुहा ने अपने साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस मिशन में नया कीर्तिमान हासिल किया है सन 2013-14 से शुरू किए गए इस मिशन में लगातार तीनो ही लोगों को साइबर अपराध से बचाने लगातार साइबर सुरक्षा एवम साइबर लॉ पर ट्रेनिंग देते आ रहे हैं।
10 लाख लोगों को निःशुल्क ट्रेनिंग देने का लक्ष्य हुआ पूरा
सोमवार 3 जनवरी 2022 को 10 लाख लोगों तक अपनी ट्रेनिंग को पहुंचाने का लक्ष्य शहर के मठपुरैना स्थित राधाबाई कन्या महाविद्यालय में ट्रेनिंग सेशन के ज़रिए पूरा किया, जिसमे कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए लगभग 60 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। इस लंबे सफर में तीनों ही भाई बहन अपने खर्च पर लोगों को निःशुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं एवम इनका लक्ष्य है कि यह मिशन वो आजीवन इसीतरह सुचारू रूप से जारी रखें एवम जल्द से जल्द छत्तीसगढ़ को देश का सबसे पहले सुरक्षित राज्य बनाते हुए एक एक करके हर राज्य एवम केंद्र शासित प्रदेश को सुरक्षित बनाते जाएं एवम भारत को विश्व का सबसे ज्यादा साइबर लिटरेट एवम साइबर सुरक्षित राष्ट्र बनाएं। इस ओर इनका प्रयास काफी सराहा भी जा रहा है। कई स्कूलों कॉलेजों एवम संस्थाओं में ऑनलाइन एवम ऑफलाइन मोड पर इन्होंने जागरूकता लाने का काम किया है। इतना ही नहीं कोविड-19 के दौर में भी ये रुके नहीं, बढ़ते अपराधों को देख ऑनलाइन व्यवस्था से और अधिक तेजी से लोगों को ट्रेनिंग दी।
दादा जी की तर्ज पर देश के लिए रहेंगे सदैव समर्पित
साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि उनके दादाजी स्व. श्री मांगीलाल जी गुहा राष्ट्रपति पुरुस्कार सम्मानित नार्मदीय शिरोमणि, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं, जिन्होंने जी जान लगा कर देश को आज़ादी दिलाने में भरसक सहयोग दिया. उन्हीं से प्रेरणा लेते हुए इनका पूरा परिवार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से देश की सेवा में सदेव समर्पित रहा है। मोनाली ने कहा कि देश को अब साइबर अपराध मुक्त बनाना है जिसके लिए वो लगातार हर सम्भव प्रयास कर अपना लक्ष्य ज़रूर हासिल करेंगे।
साइबर एक्सपर्ट सोनाली गुहा ने बताया कि ट्रेनिंग में सोशल मीडिया सुरक्षा, मोबाइल एवम ऑनलाइन फ्रॉड, बैंकिंग सुरक्षा, नए आईटी नियम एवम आईटी एक्ट 21000 लेटेस्ट अमेंडमेंट. आईपीसी, सीआरपीसी एवम विभिन्न महिला सुरक्षा कानूनों एवम सहायता से जुड़े प्रावधानों की जानकारी दी।
साइबर एक्सपर्ट आयुष गुहा ने बताया कि छात्र लगातार इस फील्ड में आकर देश को अपनी सेवाएं देने के लिए उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं, यह देख कर उन्हें खुशी होती है कि अब देश में ही देश को आने वाले समय में साइबर सुरक्षा के युवा टेलेंट मिलेंगे और हमारी कोशिश भी यही है कि हम साइबर सुरक्षा में भी आत्मनिर्भर बनें, ऐसे में देश के सभी सरकारी एवम प्राइवेट संस्थानों में साइबर एक्सपर्टस एवम एथिकल हैकर्स, इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की तरह कई अन्य पदों पर साइबर ऑफिसियल्स की आवश्यकता होती है ऐसे में भारत में मौजूदा एवम आने वाले समय में साइबर सुरक्षा कैरियर को लेकर बेहतरीन एवम असीमित संभावनाएं हैं। इस विषय में छत्तीसगढ़ को और अधिक साइबर सुरक्षित बनाने के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री जी एवम शिक्षामंत्री से भी मुलाकात करेंगे और इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए डॉक्टर निधि अग्रवाल एवम डॉक्टर आशीष अग्रवाल को धन्यवाद भी दिया गया। इन्होंने सभी मीडिया कर्मियों को भी विशेष तौर पर धन्यवाद किया जिन्होंने लगातार साइबर जागरूकता के लिए प्रकाशन में इन्हें सहयोग किया।
इस पूरे सफर के लिए तीनो गुहा साइबर एक्सपर्ट्स ने माता माधुरी गुहा एवम पिता भगवान दास गुहा को खास तौर पर धन्यवाद किया, जिनके खुले विचारों एवम आशीष से इतना बड़ा लक्ष्य वो पूरा कर पाएं। लोगों से उन्होंने अपील की है कि वे भी अपनी संस्थाओं में इसी तरह के आयोजनों के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से उनसे जुड़ सकते हैं।
साइबर सुरक्षा टिप्स
• रखें स्ट्रांग पासवर्ड
आपका पासवर्ड जितना कठिन होगा उतना ही सुरक्षित आपका सोशल मीडिया अकाउंट होगा, इसके लिए स्ट्रांग पासवर्ड का इस्तेमाल करें जिसमें स्पेशल न्यूमेरिक और स्मॉल कैपिटल अल्फाबेट का
यूनिक कॉम्बिनेशन हो, उदाहरण के लिए-
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एक स्ट्रांग पासवर्ड कहा जा सकता है जिसकी लेथ 8 से 15 या उससे अधिक कैरेक्टर्स तक रखना सुरक्षित कहा जाएगा।
• लेवल टू वेरिफिकेशन
केवल पासवर्ड अच्छा होना ही ज़रूरी नहीं, अगर सुरक्षित पासवर्ड भी किसी को पता चल जाए तो ऐसे में एक और सिक्योरिटी लेयर का होना जरूरी है, जो हर भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपको मिलेगा। इसे लेवल टू वेरिफिकेशन के नाम से जाना जाता है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग्स में जा कर आप इसे सेटअप कर सकते हैं। इसमें आपको एक ईमेल आईडी और फोन नंबर रजिस्टर करना होता है, जिसके बाद हर बार जब भी आप अपना अकाउंट लॉगिन करेंगे आपको इसी रेजिस्टर्ड ईमेल या फोन नंबर पर ओटीपी यानी टाइम
पासवर्ड आएगा, जिसे डाले बिना आपका अकाउंट लॉगिन नहीं होगा।
• निजी जानकारी साझा न करें
महिलाएं विशेषकर अपनी निजी जानकारी जैसे फोन नंबर ईमेल आईडी या लोकेशन शेयर करने से बचें। किसी भी व्यक्ति से अपनी निजी जिंदगी की परेशानियां या राज़ शेयर न करें। इससे वे फेक अकाउंट के जरिए आपकी मजबूरी का फायदा उठा सकते हैं।
-सोशल मीडिया से जीवनसाथी ढूंढने से बचें
फेसबुक जैसे बहुत से ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं जिनसे लोग आपस में जुड़ते हैं। कई बार बात शादी तक भी पहुँच जाती है, जरूरी नहीं कि हर शादी विफल हो मगर ध्यान रखें कि सोशल मीडिया पर डाली गई जानकारी सही हो ये ज़रूरी नहीं कई बार अपराधी लड़कियों को अपने जाल में फांसने के लिए भी अच्छी तस्वीरों और स्टेटस को प्रदर्शित कर अपराध को अंजाम देते हैं, जिन लोगो को आप पर्सनली नहीं जानते उन्हें ऐड करने से बचें।
• अगर कोई साइबर अपराधी परेशान करे तो क्या करें?
यदि कोई आपको बार बार कॉल करता है, अभद्र मेसेज या ईमेल के ज़रिए धमकियां देता है या आपको किसी भी तरह से परेशान करने की कोशिश करता है तो घबराएं नहीं अपने नजदीकी साइबर सेल जाकर तुरंत एफआईआर दर्ज कराएं। इसके लिए एविडेन्स हमेशा सहेज कर रखें जैसे मेसेज और कॉललॉग्स का स्क्रीनशाट, कॉल रिकॉर्डिंग, अगर कोई फेक प्रोफ़ाइल है तो उसका स्क्रीनशॉट आदि ।
यदि आप पुलिस के पास जाने में असमर्थ हैं या किसी भय से नहीं जा सकतीं तो अपने नजदीकी साइबर एक्सपर्ट्स से तुरंत संपर्क करें, आपके कानूनी अधिकारों की जानकारी एवम मार्गदर्शन के लिए परामर्श लें।