बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी। इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश कौशिक चंद ने कहा कि किसी फिल्म के डायलॉग से हिंसा नहीं फैलती और न ही अशांति होती है।
न्यायाधीश ने कहा कि शोले फिल्म में अमजद खान से लेकर बहुत से अभिनेताओं ने अब तक हजारों लोकप्रिय डायलॉग दिए हैं। ऐेसे में चुनाव के बाद की अशांति व हिंसा के लिए मिथुन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। साथ ही न्यायाधीश चंद ने कोलकाता पुलिस को इस मामले में जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। केस की अगली सुनवाई अब तीन अगस्त को होगी।
गौर हो कि बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में भाजपा का दामन थामने वाले अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी फिल्म के डायलॉग बोले थे। उन्होंने कहा था- मारबो एखाने, लाश पोड़बे सशाने, यानी मारूंगा यहां, तो लाश गिरेगी श्मशान में। मिथुन के इस डायलॉग को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भड़काऊ बयान करार दिया था और चुनाव बाद हिंसा के लिए इस बयान को जिम्मेदार ठहराया था।