आधार (कार्ड) ने फर्जी लाभार्थियों को तंत्र से बिल्कुल बाहर कर दिया है। आधार जारी करने वाली संस्था यूआइडीएआइ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सौरभ गर्ग ने कहा कि आधार की वजह से केंद्र सरकार को 2.25 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। गर्ग के अनुसार केंद्र सरकार की 300 और राज्यों की लगभग 400 योजनाओं को अब तक आधार से लिंक किया जा चुका है। इसका सीधा फायदा यह हुआ है कि इन योजनाओं के फर्जी लाभार्थी तुरंत पकड़ में आ रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारें इन योजनाओं के तहत लाभार्थियों को मदद की रकम का भुगतान प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण् (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके खातों में कर रही हैं।
गर्ग का कहना था कि सवा दो लाख करोड़ रुपये की बचत की रकम तो अकेले केंद्र सरकार की है। अगर इसमें राज्य सरकारों को हुई बचत को जोड़ दें तो आंकड़ा काफी ऊपर जा सकता है। आधार ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहद आसान कर दिया है। कोरोना संकट के दौरान सरकार ने आधार के माध्यम से ही गरीबों और वंचितों को उनके खातों में सीधे मदद की रकम भेजी है। इतना ही नहीं, आधार की वजह से ही लोगों को यह रकम अपने खाते से निकालने के लिए किसी बैंक की श्ााखा या एटीएम तक नहीं जाना पड़ा। उन्होंने अपने पड़ोस की किराना दुकान में लगे माइक्रो एटीएम के माध्यम से अपने आसपास ही रकम निकाल भी ली।
गर्ग ने कहा कि आने वाले वर्षों में यूआइडीएआइ की प्राथमिकता तीन-चार चीजों के आसपास रहेंगी। इनमें पहला यह है कि लोगों को अधिक से अधिक सेवाएं और सुविधा मिले। इसके तहत हमने लोगों को घर में बैठे-बैठे कंप्यूटर के माध्यम से रिकार्ड अपडेट करने की सुविधा दी है। अभी डेढ़ लाख से अधिक डाकिया देश्ाभर के गांव-गांव में जाएंगे और आधार अपडेट करने के साथ-साथ नया आधार कार्ड बनाने संबंधी जानकारी जुटाएंगे। हम देश्ाभर के 6.5 लाख गांवों के लिए 50,000 से अधिक आधार केंद्र खोल रहे हैं।
गर्ग के अनुसार यूआइडीएआइ एक मोबाइल एप्लीकेश्ान का निर्माण्ा कर रही है, जिस पर लोग आधार अपडेट करने के अलावा रकम का लेनदेन तक कर सकेंगे। यह आधार को पैन, मोबाइल सिम कार्ड, राश्ान कार्ड और बैंक अकाउंट से पूरी तरह जोड़ देने पर भी फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि आधार असल में टेक्नोलाजी का ही एक प्रोग्राम है। ऐसे में हम आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस, ब्लाकचेन और मश्ाीन लर्निंग जैसे टेक्नोलाजी की मदद से इसे और मजबूती देना और उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक से अधिक सुरक्षित बनाना चाहते हैं।