डौंडी। कहते हैं कि पीपल के पेड़ में अदृश्य शक्ति का संचार रहता है यह बात तब सच साबित प्रतीत हुई जब ग्राम सुरडोंगर के कई वर्षों पुराने पीपल पेड़ पत्तों को डौंडी क्षेत्र में आतंक मचाते आ रहे गजराजों के दल ने अपना आहार बनाना चाहा, किन्तु 15 फिट के हाथी को पीपल पेड़ के 12 फिट डंगाल ने आहार बनाने का मौका ही नहीं दिया। कुदरत का करिश्मा यह है कि उक्त पीपल पेड़ के डंगाल अपने आप साक्षात ऊपर होते चले गए। इस घटना के गवाह ग्राम सुरडोंगर में बन रहे हॉस्टल के रखवार छगन लाल के अनुसार इस वाक्या को उन्होंने अपनी आंखों के सामने देखा। दरअसल गत रविवार रात्रि 11 बजे सुरडोंगर हॉस्टल के रखवार छगनलाल अपना ड्यूटी निभाते रात 11 बजे सोया हुआ था कि समीप के कुत्ते जोर की आवाज से भोंकने लगा, जिससे छगनलाल को यह अहसास हुआ कि कोई चोर हॉस्टल में लगने वाले लोहे की छड़ को चुराने की दृष्टि से आ रहे होंगे। वह बिस्तर से उठकर मौके की ताक में जुट गया, लेकिन चोर की जगह हाथियों का दल देखकर उसके होश उड़ गए। तब हॉस्टल से महज 50 मीटर दूरी में स्थित वर्षों पुराना पीपल पेड़ जहां राम भक्त हनुमान का मंदिर भी है वहां हाथियों का दल पहुंचा। जहां 15 फिट के मुखिया हाथी ने 12 फिट ऊपर पीपल वृक्ष के डंगाल केपत्तों को अपना भोजन बनाना चाहा मगर पीपल पेड़ का उक्त डंगाल अपने आप ऊपर होता गया। यह दृश्य देखकर छगनलाल की धड़कन तेज हो गयी यह करिश्मा देखकर उन्होंने अपने आपको धन्य महसूस किया।
जब हाथियों के दल को पीपल पत्ता का आहार नहीं मिला तो वह सीधे हॉस्टल की ओर रुखकर पीछे स्थित श्यामलाल मरकाम की बाडी में रखे पैरावट व केला पेड़ को भोजन बनाकर बाड़ी में जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान हाथियों की चिंगाड सुनकर ग्राम के 10 से 12 युवक हाथियों को भगाने मशाल जलाकर खदेडऩे में जुट गए, मशाल की लौ देखकर हाथी भी उल्टे पाव भागने लगे पर जैसे ही मशाल की लौ समाप्त हो गई तब हाथी का मुखिया उक्त युवको के पीछे दौड़ा तब युवकों ने तेज रफ्तार दौड़कर अपनी जान बचाई। जानकारी मिली है कि उक्त हाथियों के दल ने गत रात्रि ग्राम गुदुम व नर्रालगुड़ा ग्राम में काफी तबाही मचाकर डौंडी क्षेत्र के मंगरदाह मरदेल जंगल की ओर रुख किया है।