चुनाव में भगवान राम के आशीर्वाद का दावा सब करते हैं, भगवान राम के ननिहाल में भी चर्चा होती है, लेकिन प्रभु श्रीराम एक ऐसा भक्त भी है जिसने अयोध्या से लंका तक की पदयात्रा कर रहा है। इस पदयात्रा के पीछे उसका उद्देश्य वनवास के दौरान भगवान को हुई पीड़ा जानने की है। अयोध्या से श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका तक बंगाल का युवा अक्षय भगत पदयात्रा कर रहे हैं।
अक्षत अयोध्या से चलकर अभी छत्तीसगढ पहुंचा है। अक्षत का कहना है कि वह यह जानना चाहता है कि वनवास और श्रीलंका तक पहुंचने में भगवान श्रीराम को किस तरह के कष्ट झेलने पड़े। इस यात्रा के दौरान अक्षत अयोध्या से रामसेतु तक जहां-जहां भगवान राम गए थे, उस स्थान को जानने का प्रयास करेगा। अक्षत अब तक 1200 किलोमीटर तक का रास्ता तय कर चुके है। अभी भी 2000 हजार किलोमीटर तक का रास्ता तय करना बाकी है।