कोविड-19 रोधी वैक्सीन की तीसरी डोज उन लोगों को जरूर लेनी चाहिए जिनकी प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) किसी कारणवश कम हो गई है। खासकर तीसरी डोज उनके लिए सबसे जरूरी है जिनका अंग प्रत्यारोपण होना है। चूंकि उनके शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अधिक एंटीबाडीज नहीं बन पाते हैं।
बीएमजे में प्रकाशित एक शोध के अनुसार कोविड-19 वैक्सीन की अतिरिक्त डोज से उन लोगों को फायदा हो सकता है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो। नेशनल यूनिवर्सिटी आफ सिंगापुर के शोधकर्ताओं ने बताया कि 82 शोधों के विश्लेषण के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि जिन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कम हो या फिर अचानक कम हो गई हो, उन्हें तीसरी डोज अवश्य दी जानी चाहिए। इन शोधों में 77 में एमआरएनए वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया था। जबकि 16 में वायरल वेक्टर वैक्सीनों का इस्तेमाल किया गया था।
कोविड-19 की एक वैक्सीन डोज के बाद जिन लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है उनमें सेरोकनवर्जन कम होना पाया गया है। सेरोकनवर्जन संक्रमण या वैक्सीन लगने के बाद एंटीबाडीज बनाने की प्रक्रिया है। ताकि प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली वायरस से मुकाबला कर सके। शोध में यह भी बताया गया है कि सालिड कैंसर के मुकाबले ब्लड कैंसर के मरीजों में प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। जबकि जिन लोगों में अंग प्रत्यारोपण होना होता है उनमें प्रतिरोधक क्षमता 16 गुनी कम हो जाती है।