राजस्थान के उदयपुर में इस्लाम के नाम पर बर्बर कृत्य किया गया। करीब 10 दिन पहले भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालने वाले कन्हैयालाल की उनकी दुकान में घुसकर मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने हत्या कर दी। दोनों ने धारदार हथियार से पहले उनके शरीर पर कई वार किए और फिर गर्दन काटकर मार डाला। इसके बाद हत्यारों ने हंसते हुए एक वीडियो बनाकर जारी किया, जिसमें प्रधानमंत्री को धमकी दी। इसमें रक्त से सने हथियार भी दिखाए। पुलिस ने दोनों को राजसमंद से गिरफ्तार कर लिया। उदयपुर जिले में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने के साथ ही शहर में आगामी आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है। वारदात के विरोध में हिंदु संगठनों से जुड़े लोग और स्थानीय नागरिकों ने प्रदर्शन किया। आरोपितों का पुतला जलाया। इस दौरान मुख्य बाजार बंद रहे।
स्थानीय नागरिकों ने राज्य सरकार से कन्हैयालाल के स्वजन के लिए 50 लाख रुपये और सरकारी नौकरी की मांग की है। शहर में तनाव के हालात को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
कन्हैयालाल की उदयपुर की धानमंडी स्थित भूतमहल के पास सुप्रीम टेलर्स के नाम से दुकान है। मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद बाइक पर उसकी दुकान पर पहुंचे। दोनों ने कपड़े सिलवाने के लिए नाप देने का बहाने दुकान में प्रवेश किया। कन्हैयालाल कुछ समझ पाते उससे पहले हत्यारों ने उन पर हमला कर दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस वारदात ने 2019 में लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या की याद दिला दी। हत्यारों ने बाद में एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें वह रक्त से सने हथियार दिखाकर अन्य लोगों को सिर धड़ से जुदा करने की धमकी देते हुए दिख रहे हैं।
दोनों दोस्त हैं और शहर की कच्ची बस्ती के रहने वाले हैं। दोनों हत्यारों के हाथ में खून से सने हथियार देखकर आसपास के लोगों को वारदात का पता चला । कुछ ही देर में मौके पर भीड़ एकत्रित हो गई। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। एफएसएल की टीम ने मौके से सुबूत जुटाए हैं। स्थानीय लोगों एवं स्वजन ने अब तक कन्हैयालाल का शव नहीं लिया है। शव सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है। स्वजन की सहमति पर ही पोस्टमार्टम किया जाएगा। कन्हैयालाल उदयपुर शहर के गोवर्धन विलास इलाके के रहने वाले थे। उसके तीन पुत्र रोहित, तरुण व गुड्डू हैं।
वारदात की सूचना पर हाथीपोल, धानमंडी, घंटाघर तथा सूरजपोल के अलावा पुलिस लाइन से भारी पुलिस बल मौके पर बुला लिया गया। कलेक्टर ताराचंद मीणा, पुलिस अधीक्षक मनोज चौधरी सहित पुलिस और प्रश्ाासन के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इस बीच शहर के हाथीपोल चौराहे पर कुछ युवाओं और पुलिस की झड़प हो गई। इसमें भारतीय जनता युवा मोर्चा का एक कार्यकर्ता घायल हो गया है। लोग थानाधिकारी को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं। हिदू संगठनों में कन्हैयालाल की हत्या को लेकर आक्रोश व्याप्त हो गया। विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने देहली गेट पर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और हत्यारों का पुतला फूंका। उन्होंने हत्यारों को फांसी की सजा की मांग की है।
पुलिस ने हटा ली थी सुरक्षा
कन्हैयालाल ने नुपुर के समर्थन में पोस्ट किया था, जिसके बाद से उनको धमकियां मिल रही थीं। नामजद शिकायत के बाद उनको पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा मुहैया कराई थी, मगर छह दिन बाद ही हटा ली। धमकियों के चलते वह दुकान नहीं खोल पा रहे थे। मंगलवार को वह बिना सुरक्षा के ही दुकान खोलने पहुंचे थे और उनकी हत्या कर दी गई। उनके बड़े पुत्र रोहित ने भी पुलिस पर सजग नहीं होने का आरोप लगाया है।