अम्बिकापुर। डिग्री लेना अपने आप में जीवन की बड़ी उपलब्धी हो सकती है लेकिन सफल मुकाम हासिल करने के लिए सही आचरण और व्यवहार का होना भी जरूरी है। ये कहना है राज्यपाल राज्यपाल अनुसुईया उइके का। शनिवार को संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल ने अपने विचार रखे। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर के ऑडिटोरियम भवन में आयोजित दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों के 231 उपाधिधारकों को स्वर्ण पदक, 5 पीएचडी उपाधिधारकों और 2 मानद उपाधिधारकों को सम्मानित किया गया।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति सुश्री अनुसुईया उइके ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों की परिश्रम और उनके पालकों के संस्कार का प्रतिफल है कि आज उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है। छात्र इन तीनों के अंगीकरण से समाज और देश के लिए उच्च कोटि का कार्य कर शिक्षा के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ने की जिम्मेदारी पेश करें। विद्या को अपने तक सीमित न रखें बल्कि समाज में ले जाएं। उन्होंने कहा कि संत गहिरा गुरु ने जनजाति समाज के उत्थान के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। संत गहिरा गुरु के विचारों को विस्तारित करना जरूरी है ताकि जनजाति समाज मुख्यधारा में आगे बढ़ सकें। संत गहिरा गुरु के बताए मार्ग पर चलने से, उनका अभिसरण करने से आने वाले समय में सरगुजा संभाग प्रदेश का उत्कृष्ट संभाग बनेगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।