एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कैंसर कोशिकाएं उपापचय को बाधित कर सकती हैं, जो मिथाइलमेलोनिक एसिड (एमएमए) नामक बाई-प्रोडक्ट के स्तर को बढ़ाने के लिए वसा और प्रोटीन को खंडित करता है। यह मेटास्टेसिस की प्रमुख वजह होती है। प्रारंभिक स्थान से कुछ दूरी पर जब कैंसर कोशिकाएं विकसित होने लगती हैैं, तो उसे मेटास्टेसिस कहा जाता है। यह अध्ययन ‘नेचर मेटाबालिज्म” नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। विज्ञानियों ने यह समझने का मार्ग प्रशस्त किया है कि ट्यूमर अन्य ऊतकों में कैसे फैलते हैैं। साथ ही उन्होंने प्रक्रिया को लक्षित करके कैंसर के प्रसार को रोकने के नए तरीके के संकेत भी दिए हैैं। नए अध्ययन निष्कर्षों से पता चलता है कि मेटास्टेटिक ट्यूमर प्रोपियोनेट उपापचय में एक प्रमुख एंजाइम की गतिविधि को दबाते हैं। इसी एंजाइम के कारण कोशिकाएं कुछ फैटी एसिड व प्रोटीन घटकों को पचाती हैं। एंजाइम को दबाने से एमएमए का उत्पादन बढ़ जाता है। प्रतिक्रिया स्वरूप कोशिकाएं और आक्रामक बन जाती हैैं। अमेरिका के वेइल कार्नेल मेडिसिन स्थित सैैंड्रा एंड एडवर्ड मेयर कैंसर सेंटर के प्रोफेसर व अध्ययन के सह लेखक डा. जान ब्लेनिस के अनुसार, ‘ट्यूमर की शुरुआत व विकास या मेटास्टैटिक ट्यूमर की जांच पर बहुत काम हुआ है। लेकिन, ट्यूमर की शुरुआत के बाद उसके विकास की वजहों को जानने के लिए व्यापक काम नहीं हुआ था।”