ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजशाही पोशाक में अपने बेटे युवराज महान आर्यमन सिंधिया के साथ सिंधिया राजवंश के महाराज बाड़े स्थित गोरखी देवघर में अपने राजशाही अस्त्र और शस्त्रों की विधि विधान से पूजा अर्चना की। इस दौरान सिंधिया राज परिवार के राजपुरोहितों ने यह पूजा कराई।
प्रतिवर्ष दशहरे और नवमी के दिन सिंधिया राज परिवार राजशाही परंपरा के अनुरूप दशहरे और नवमी की पूजा करता है। सिंधिया राज परिवार के राजशाही प्रतीक चिन्ह और हथियारों की सिंधिया पूजा करते हैं। इस दौरान सिंधिया राजवंश की परंपरा के अनुरूप महाराज के तौर पर अपने देवघर में देवताओं और पूर्वजों का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। उस समय सिंधिया पूरी तरह राजशाही अंदाज में दिखाई देते हैं। उनके लिए पूजा-अर्चना के बाद राजशाही परंपराओं के अनुरूप, गद्दी लगाई जाती है। 200 वर्ष से अधिक समय से सिंधिया राजवंश के लोग हर वर्ष दशहरे के दिन अपने देवघर में पूजा अर्चना करते हैं।