उत्तर प्रदेश में संचालित सभी मदरसा विद्यालयों की फंडिंग के जांच के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। एडीजी मोहित अग्रवाल, एसपी क्राइम त्रिवेणी सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग निदेशक जे रिभा को तीन सदस्यीय कमेटी का सदस्य बनाया है। ये कमेटी उत्तर प्रदेश के सभी 24 हजार मदरसों के फंडिंग की जांच करेगी।
आईबी इनपुट के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी मदरसों के फंड के स्रोत की जांच के आदेश दिए हैं। पहले यह जांच नेपाल से सटे बॉर्डर पर हुई थी, लेकिन अब सभी 24 हजार मदरसों में यह जांच होगी। यूपी में 16 हजार अवैध मदरसे हैं, जबकि 8 हजार अवैध मदरसे हैं। वैध और अवैध सभी मदरसो के फंडिग की जांच होगी। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफतिखार अहमद जावेद का मानना है कि सर्वे में मदरसा बोर्ड की फंडिंग को जकात और चंदा बताया गया है। इसके बावजूद अगर यह सुरक्षा से जुड़ा विषय है तो सरकार को जरूर जांच करवानी चाहिए। एसआईटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए। देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। मदरसो में कोई भी देश-विरोधी गतिविधि हो यह स्वीकार नहीं की जानी चाहिए l