
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र में पहले ही दिन धान खरीदी का मसला उठा। खरीदी अव्यवस्था का मुद्दा शून्यकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उठाया। बघेल ने कहा कि, सरकार ने धान खरीदी में ध्यान नहीं दिया। जो व्यवस्था थी उसको बर्बाद कर दिया है।
यह मामला उठाते हुए बघेल ने कहा कि, खरीदी केंदों में बारदाने की कमी है। टोकन में ऑनलाइन और ऑफलाइन के चक्कर में किसान पिसते जा रहे हैं। एक महीने से ऊपर हो गया एक तिहाई ही धान खरीदी हो पाई है। उन्होंने कहा कि, राइस मिलर हड़ताल पर हैं, परिवहन हो नहीं रहा है। खरीदी केंद्रों में धान जाम है, कई जिलों में धान का उठाव नहीं हो रहा है।
भूपेश बघेल ने कहा कि, समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार में चलती किसकी है। इस टोकते हुए वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- भूपेश बघेल सदन में भाषण न दें। चंद्राकर के ऐसा कहने पर विपक्ष की ओर से नारेबाजी शुरू हो गई। पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोक- झोंक भी हुई।