राजस्थान में उदयपुर के समीप रणकपुर के जंगल में अति दुर्लभ स्ट्रोबेरी पिंक पैंथर दिखाई दिया है। इसको पहली बार उदयपुर के वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हितेश मोटवानी और उनकी टीम ने कैमरे में कैद किया। मोटवानी को इसके बारे में एक मित्र के जरिये जानकारी मिली थी। उसी मित्र ने तस्वीर भेजी थी। पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन बाद में सच्चाई जानने का फैसला किया। उन्होंने पांच लोगों की टीम बनाई, जिनमें वीरमदेवा सोनिगरा व वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर डा. राम सोनिगरा के अलावा कोटा के मनीष आर्य शामिल थे। चार दिन तक आठ जंगल सफारी को हर दिन 10 घंटे तक छाना गया तब जाकर पिंक पैंथर दिखाई दिया।
2012 में दक्षिण्ा अफ्रीका में दिखाई दिया था पिंक पैंथर
मोटवानी के मुताबिक सबसे पहले पिंक पैंथर दक्षिण अफ्रीका के मेडिक एम.रिजर्व में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर एवं टूर ऑपरेटर योन डेविलर्स को दिखाई दिया था। उन्हें पहली फोटो खींचने का श्रेय जाता है। अब तक दुनिया में ऐसे सात पैंथर बताए जाते हैं, लेकिन इनमें से महज दो पिंक पैंथर पाए जाने के सुबूत मौजूद हैं। दूसरा साक्ष्य रणकपुर के जंगल में दिखाई दिए पिंक पैंथर का है।
मादा है पिंक पैंथर
मोटवानी ने बताया कि पिंक पैंथर को उनकी टीम ने दो महीने पहले ही देख लिया था कि वह मादा है। उनकी टीम ने तय किया था कि वह इसे जाहिर नहीं करना चाहते थे। उनका मकसद था कि मादा पैंथर के जरिये इनकी संख्या बढ़ सकती है। दूसरा इसके जाहिर किए जाने से उसे खतरा बढ़ सकता है। यह राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश की बायोडायवर्सिटी के लिए शुभ संकेत है।
आनुवांशिक बदलाव से हो जाता है ऐसा रंग
सेवानिवृत्त वन्यजीव अधिकारी डा. सतीश शर्मा के अनुसार, देश में पिंक पैंथर का यह पहला और दुर्लभ मामला है। पैंथर का रंग आनुवांश्ािक गुण्ासूत्र के कारण्ा बदल जाता है। देश्ा में अभी तक सामान्य और काले पैंथर पाए जाते हैं। देश में पहली बार सफेद पैंथर 1910 में दिखाई दिया था।