र्वी यूक्रेन के विद्रोहियों के कब्जे वाले दो इलाकों को रूस द्वारा स्वतंत्र घोषित किए जाने के विरोध में अमेरिका ने रूसी संस्थाओं और व्यक्तियों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैैं। इन प्रतिबंधों के दायरे में रूसी बैैंक, कर्ज, सहायता और निवेश आए हैैं। अमेरिका और पश्चिमी देशों ने चेतावनी दी है कि रूस ने अगर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ा तो उस पर बर्बाद करने वाले प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जबकि चीन ने कहा है कि प्रतिबंध किसी समस्या का समाधान नहीं होते। यूक्रेन मसले को संयम बरतते हुए बातचीत के जरिये सुलझाया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति बाइडन ने रूस को मिलने वाले कर्ज और रूस के प्रभावशाली लोगों व उनके परिवार के लोगों पर प्रतिबंध लगाया है। वेब बैैंक और प्रोम्सियाज मिलिटरी बैैंक से लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्वतंत्र घोषित किए गए यूक्रेन के हिस्सों से भी अमेरिका का आर्थिक संबंध नहीं होगा। बाइडन ने रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों का यह तीसरा दौर है। सबसे पहले 2014 में यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर कब्जे के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे। इसके बाद 2016 के अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के विरोध में अमेरिका ने रूस से हथियारों की खरीद करने और गोपनीय सूचनाएं साझा करने पर रोक लगाई। अब पूर्वी यूक्रेन के विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनेस्क और लुहांस्क प्रांतों के हिस्सों को स्वतंत्र देशों की मान्यता दिए जाने के विरोध में अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हैैं।
जी 7 में शामिल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गुरुवार को डोनेस्क और लुहांस्क से सभी तरह के व्यापार, निवेश और सहायता पर रोक लगा दी। इसी के साथ कनाडा के नागरिक रूस को मिलने वाले कर्ज की प्रक्रिया में भी किसी रूप में शामिल नहीं होंगे। कनाडा ने रूस के दो सरकारी बैैकों से सारे लेन-देन रोक दिए हैैं। इसी प्रकार से रूसी संसद के सदस्यों पर भी प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैैं जिन्होंने डोनेस्क और लुहांस्क को स्वतंत्र दर्जा देने वाले प्रस्ताव को स्वीकृति दी।
पिछले हफ्ते पहले रूसी संसद ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी। इसके बाद सोमवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में प्रस्ताव पर सहमति प्राप्त की और उसके कुछ घंटे बाद राष्ट्रीय टेलीविजन पर आकर डोनेस्क और लुहांस्क को स्वतंत्र घोषित कर दिया। दोनों देशों के साथ रूस ने सुरक्षा समझौता भी कर लिया है। इसी के तहत वहां पर रूसी सेना तैनात की जा रही है। ट्रूडो ने यूक्रेन के आसपास के इलाकों में अतिरिक्त सैनिक भेजने की भी घोषणा की है। कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा है कि रूस का कदम यूक्रेन की संप्रभुता पर हमला है।
ब्रिटेन ने पांच रूसी बैंकों और राष्ट्रपति पुतिन के नजदीकी तीन अरबपति रूसी नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये सभी ब्रिटेन से कोई संबंध नहीं रख पाएंगे। इनकी संपत्तियां भी जब्त हो जाएंगी। भविष्य में ब्रिटेन में रूस अपने बांड नहीं बेच सकेगा। प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने यह घोषणा संसद में की है। इस बीच रूसी न्यूज चैनल आरटी के संचालक, निवेश और उसके लाइसेंस के बारे में ब्रिटेन ने जानकारी एकत्रित करनी शुरू कर दी है। ब्रिटिश संस्कृति मंत्री नाडियन डोरीज ने कहा है कि आरटी चैनल रूसी दुष्प्रचार का बड़ा माध्यम है। इसलिए उस पर कार्रवाई की जरूरत है। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा है कि पुतिन की अब यूरोप को बांटने की नीति कामयाब नहीं होगी। अमेरिका, यूरोप और अन्य सहयोगी मिलकर रूस पर कार्रवाई कर रहे हैैं।
जर्मनी के चांसलर ओलफ शुल्ज ने रूस और अपने देश के बीच की नार्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन परियोजना पर कार्य रोकने की घोषणा की है। दस अरब यूरो (करीब 83 हजार करोड़ रुपये) की इस परियोजना से रूस से जर्मनी को नैचुरल गैस की आपूर्ति होनी थी। अमेरिका ने इस पाइपलाइन का निर्माण करने वाली कंपनी पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। यूक्रेन ने अपने दो हिस्सों को स्वतंत्र घोषित करने की प्रक्रिया से जुड़े सांसदों और अधिकारियों को प्रतिबंधित करने की घोषण्ाा की है। विदित हो रूसी संसद के 450 सांसदों में से 322 ने डोनेस्क और लुहांस्क को स्वतंत्र घोषित के करने वाले प्रस्ताव का समर्थन किया था।
यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने रूसी संसद के उन सभी सांसदों को प्रतिबंधित कर दिया है जिन्होंने यूक्रेन के इलाकों को स्वतंत्र देश की मान्यता देने के प्रस्ताव का समर्थन किया था। ईयू ने फिलहाल राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है। ईयू और यूक्रेन के बीच मुक्त व्यापार में सहयोगी रूसी बैैंकों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जापान ने भी रूस पर प्रतिबंधों की तलवार चलाई है। प्रधानमंत्री फूमियो किशिमदा ने बताया कि रूस के बैैंकों और विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके को स्वतंत्र देश की मान्यता देने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए हैैं। इन प्रतिबंधों के तहत रूसी बांड जापान में जारी करने पर रोक लग गई है और प्रतिबंधित लोगों की जापान में संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। प्रतिबंधित लोग जापान की यात्रा भी नहीं कर पाएंगे। आस्टे्रलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारीसन ने रूसी सुरक्षा परिषद के आठ सदस्यों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन पर आर्थिक और यात्रा के प्रतिबंध लगाए गए हैैं।