छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिला चिकित्सालय से एक बड़ा मामला सामने आया है। जिससे मरीजों को आर्थिक संकट के साथ ही मौत से भी सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, मामला किडनी फेल्वर मरीजों से जुड़ा हुआ है। किडनी के मरीजों का कहना है कि जिला अस्पताल में गत छह माह से 10 से अधिक किडनी के मरीजों की निःशुल्क अपने डायलिसिस की जा रही थी। अब अचानक मरीजों को जिला अस्पताल से जानकारी दी गई है कि इसकेज संजीवनी प्राइवेट कंपनी अब कवर्धा जिला चिकित्सालय में निःशुल्क डायलिसिस नहीं करेगा। अब मरीजों को खुद से डायलाजर, ट्यूबिंग, दवाई और अन्य सामाग्री खुद से खरीद कर लाना होगा। इसके बाद ही मरीजों का डायलिसिस किया जायेगा।
मरीजों का कहना है डायलिसिस में लगभग 30 से 40 हजार रुपयों का खर्चा आता है। मरीज आर्थिक रूप से कमजोर हैं। सभी गरीबी रेखा के नीछे जीवन-यापन करते हैं। मरीजों का कहना है जिस कंपनी के साथ सरकार का अनुबंध था वह अब निःशुल्क डायलिसिस करने से मना कर रही है। दरअसल, राज्य सरकार ने डायलिसिस करने वाली कंपनी का बकाया राशि भुगतान नहीं किया है। इससे किडनी के गरीब मरीजों के ऊपर भारी संकट आन पड़ा है । वहीं जिला चिकित्सालय में जल्द निःशुल्क डायलिसिस सुविधा चालू करवाने के लिए सभी मरीज आज कलेक्टर कबीरधाम जनमेजय महोबे के पास गुहार लगाने पहुंचे हुए थेए जहां कलेक्टर ने इस मामले पर जांच कर जल्द ही निराकरण करने की बात कही है।