मोदी सरकार देश को आर्थिक संकट से उबरने के लिए नोटों की छपाई करेगी या नहीं इसका खुलासा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा किया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कठिन दौर में पैदा हुए मौजूदा आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकार की मुद्रा नोटों को छापने की कोई योजना नहीं है।
वित्त मंत्री से पूछा गया था कि क्या आर्थिक संकट से उबरने के लिए मुद्रा नोटों के मुद्रण की योजना है। प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘नहीं।’’ अनेक अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने सरकार को सुझाव दिया है कि अर्थव्यवस्था में मदद के लिए और अधिक मुद्रा नोटों को छापा जाए।
नए नोट छापने से यह हो सकता था खतरा : यदि सरकार नए नोट छापने पर विचार करती है तो इसका सबसे बड़ा खतरा ये होगा कि इससे महंगाई बढ़ सकती है। जम्बाब्वे और वेनेजुएला जैसे देशों की सरकारों ने भी कभी राहत देने के लिए नोट छापे थे, जिसके बाद महंगाई ने सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए। नतीजा ये हुआ कि 2008 में महंगाई की वृद्धि दर करोड़ों में पहुंच गई। लोगों को जरा सी चीज के लिए बड़े-बड़े बैग में पैसे भरकर ले जाने पड़ रहे थे। उन तस्वीरों ने पूरी दुनिया को परेशान किया था।