नवरात्र के छठे दिन दुर्गाजी के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा और अर्चना की जाती है। ऐसा विश्वास है कि इनकी उपासना करने वाले को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चार पुरुषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति हो जाती है। क्योंकि इन्होंने कात्य गोत्र के महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री रूप में जन्म लिया, इसीलिये इनका नाम कात्यायनी पड़ा। इनका रंग स्वर्ण की भांति अन्यन्त चमकीला है और इनकी चार भुजाएं हैं। दाईं ओर के ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में। बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में खड्ग अर्थात् तलवार है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है। इनका वाहन भी सिंह है। इनकी पूजा, अर्चना और स्तवन निम्न मंत्र से किया जाता है।
मंत्र
चंद्रहासोज्ज्वलकरा, शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यात्, देवी दानवघातनी।
, 🙏🏽🌹ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे🌹🙏🏽 🕉मातृपितृचरणकम्लेभ्योनमः आप सभी आदरणीयों एवं मित्रों को शुभ प्रभात जयमातादी आप सभी का दिन मंगलमय हो २०७७प्रमादी नाम संवत् छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजनांदगांव जिला अंतर्गत डोगरगढ धाम श्री माँ बम्लेश्वरी देवी धाम दिनांँक २२/१०/२०२० आश्विन
शुक्ल पक्ष तिथि षष्ठी
दिन बृहस्पतिवार महाअभिषेक पुजन श्रृंगार पश्चात ऊपर पर्वत मे सोने के सिंहासन मे विराजमान एवं धरातल मे सोने के सिंहासन मे विराजमान माँ आदि विद्या ब्रह्म शक्ति बम्लेश्वरी देवी दर्शन …माँ जगतकल्याणकारिणी आप सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करे 🌹🙏🏽🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉💐💐💐🌹🌸🌸