रायपुर। स्कूलों द्वारा वसूली जा रही बेलगाम फीस के लिए एक बार कोर्ट में फिर से पालकों ने अपील की है। ट्यूशन फीस वसूली करने की अनुमति देने के आदेश के खिलाफ में अभिभावकों ने सात अलग अलग रिट अपीलों को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्वीकार कर लिया है। खास बात ये है कि अब दो सप्ताह बाद इन ममलों में एक साथ सुनवाई की जाएगी।
लॉकडाउन के दौरान स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई। संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ स्कूलों के खुलने की उम्मीद भी इस सेशन में लगभग असंभाव नजर आ रही है। आनलाइन ही एक ऐसा माध्यम है जो विकल्प के रूप में आगे भी चलाया जा सकता है, लेकिन इन सभी से अलग अभी स्कूल प्रशासन और पालकों के बीच फीस वसूली को लेकर परेशानी बनी ही हुई है।
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने प्राइवेट स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस वसूलने की अनुमति दी थी। इसके साथ यह भी कहा था कि कोरोना काल में जिन लोगों की नौकरी छूटी है या फिर आर्थिक परेशानी है और वह ट्यूशन फीस देने की स्थिति में नहीं है, ऐसे पलकों के आवेदन पर विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि इस दौरान किसी भी स्टाफ को नौकरी ने नहीं हटाया जाए। इस आदेश के बाद भी पालकों का आरोप है कि कोर्ट के आदेश का गलत तरह से प्रयोग करते हुए स्कूल प्रशासन ने ट्यूशन फीस के नाम पर पूरी फीस वसूल रहे हैं।
सिंगल बेंच के आदेश और निजी स्कूलों की कथित मनमानी के विरोध में पालक संघ और व्यक्तिगत रूप से कुल 7 याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की गई हैं, जिसे सुनने के लिए दो सप्ताह बाद का समय रखने के लिए कहा गया है।