नई दिल्ली- हरियाणा से पानी छोड़े जाने से यमुना नदी उफान पर है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर रात 10 बजे तक 208.05 मीटर पहुंच गया। 1978 में यमुना का हाईएस्ट वाटर लेवल 207.49 मीटर पहुंचा था। इस बार 45 साल का रिकॉर्ड टूटा। यमुना का पानी शाम को रिंग रोड पर पहुंच गया। गुरुवार सुबह 8 बजे तक यमुना का वाटर लेवल 208.30 मीटर तक पहुंच सकता है। उत्तराखंड, दिल्ली, UP, पंजाब और हरियाणा में लगातार बारिश हो रही है। खराब मौसम के चलते बीते 4 दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में 100 से ज्यादा लोग की जान चली गई। उत्तर भारत के राज्यों में बारिश बंद रहने से बुधवार को हालात में थोड़ा सुधार आया। सरकार का अब सारा ध्यान जगह-जगह सड़कें,पुल टूटने से फंसे लोगों को बचाने पर है। हिमाचल में 10 हजार टूरिस्ट जगह-जगह फंसे हैं। चंद्रताल में 3 फीट बर्फ जम गई है। 6 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू में लगाए गए हैं। कुल्लू में ब्यास नदी के बहाव में आधा सैंज बाजार ही बह गया। आठ जुलाई से अब तक हिमाचल प्रदेश में 36, UP में 34, जम्मू-कश्मीर में 15, उत्तराखंड में 9, दिल्ली में 5 और राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में एक-एक की मौत हुई है। उत्तराखंड में गुरुवार को भी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। लैंडस्लाइड की वजह से गंगोत्री और यमुनोत्री नेशनल हाईवे कई जगहों पर बंद हैं। यहां 3 से 5 हजार लोग फंसे हुए हैं। दिल्ली सीएम ने ट्वीट कर जानकारी दी कि दिल्ली में बाढ़ के हालात बन रहे हैं। केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केंद्र से मदद मांगी। इसमें कहा है कि हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से पानी नियंत्रित रूप से छोड़ा जाए।इसके बाद केंद्रीय वाटर मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें फोन किया और बताया कि हथनीकुंड में पानी को नियंत्रित करना संभव नहीं है। हिमाचल प्रदेश से छोड़े जा रहे पानी को रोका गया है जिससे हथनीकुंड में पानी कम होगा। इससे दिल्ली तक आ रहे यमुना के पानी में कमी आएगी। केजरीवाल ने यमुना किनारे निचले इलाकों में रह रहे लोगों से कहा है कि वे इंतजार नहीं करें, फौरन इन इलाकों को खाली कर दें। हालांकि लोगों ने पहले ही इलाके खाली करना शुरू कर दिए हैं। यहां के लोग राहत कैंपों में शरण लिए हैं।