भगवान हनुमान जी की सेना में अनगिनत वानर थे। जो हर समय अपने स्वामी के साथ रहते थे। हनुमान जयंती में जहां एक और लोगों के लिए जगह जगह भंडारा कराया गया वहीं अकोला जिले के बरशीतकली तालुक के कोथली बुजरुक गांव में बीती हनुमान जयंती के अवसर पर एक अनोखी पंगत का आयोजन किया गया। यह पंगत ‘बंदरों’ को दी जाती है। गांव में मुंगसाजी महाराज संस्थान की ओर से बंदरों को मिठाई खिलाई गई। खास बात यह है कि बंदरों ने भी बड़े अनुशासित तरीके से इस भोज का लुत्फ उठाया है। इस अनोखे पंक्ति की तस्वीरें इस समय वायरल हो रही हैं।
रामदास महाराज शिंदे ने यह भोज वानरों को दिया है। बंदरों की एक अनोखी कतार लगी थी। मुंगसाजी महाराज संस्थान अकोला के बुजरोक गांव में स्थित है। शुरुआत में पंगत के सामने खाने की थाली बिछाई गई। वानर सीधे वृक्ष से नीचे उतर आये और एक पंक्ति में बैठ गये। प्रत्येक बंदर को भोजन की थाली दी गई, जिसे उन्होंने चाव के साथ खाया।