
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश में पिछले 24 मार्च से लाकडाउन जारी है, सबकुछ 3 मई तक ठप है। अब केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए एक बड़ा प्लान तैयार किया है। दरअसल देश के 26000 से अधिक कोरोना मरीजों में से 70 फीसदी यानि करीब 18000 मरीज देश के 11 राज्यों के 27 जिले तक ही सीमित हैं। ऐसे में सरकार की योजना अगले एक हफ्ते में देश के इन जिलों में पूरी ताकत झोंक देने की है।
सरकार की योजना है कि इन सभी 27 जिलों की घेराबंदी कर यहां बेहद सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराया जाए, साथ ही कोरोना जांच की रफ्तार भी बढ़ाई जाएगी। इस योजना से सरकार को उम्मीद है कि 3 मई तक इन जिलों में कोरोना कंट्रोल में होगा। सूत्रों से जानकारी के अनुसार खबर ये है कि कंटेनमेंट इलाकों को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में सीमित संख्या में दुकानें खोलने की अनुमति इन्हीं आंकड़ों को देखने के बाद दी गई है।
प्रधानमंत्री द्वारा गठित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह (जीओएम) ने इसी आधार पर लॉकडाउन में छूट की सिफारिश की थी। सूत्रों का कहना है कि तीन मई को खत्म हो रहे लॉकडाउन के दूसरे चरण के बाद कई और बड़ी राहतों की घोषणा की जाएगी। इन जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में कड़ी शर्तों के बाद सरकार बड़ी छूट देगी।
सरकार के सूत्रों का मानना है कि अहमदाबाद में अगर तीन-चार दिन में हालात नहीं संभले तो कोरोना के कहर को रोकना मुश्किल हो जाएगा। सरकार की परेशानी की बड़ी वजह का दूसरा कारण यह है कि ये सभी शहर आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
कौन से जिले और कितने फीसदी मरीज
राज्य जिले राज्य प्रतिशत देशव्यापी प्रतिशत
आंध्र प्रदेश गुंटूर, कुरनूल 47 फीसदी 2 फीसदी
दिल्ली दक्षिणी दिल्ली, उत्तर पूर्वी 80 फीसदी 11फीसदी
गुजरात अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा 84 फीसदी 11 फीसदी
कर्नाटक बंगलूरू 25 फीसदी 0.6 फीसदी
केरल कुन्नूर, कासरगोड 50 फीसदी 1.6 फीसदी
मध्य प्रदेश इंदौर 70 फीसदी 6 फीसदी
महाराष्ट्र मुंबई, पुणे, ठाणे 66 फीसदी 20 फीसदी
राजस्थान अजमेर, जयपुर, भरतपुर,
कोटा, जोधपुर, टोंक 77 फीसदी 7.7 फीसदी
तमिलनाडु चेन्नई, कोयंबटूर, तिरुपुर 38 फीसदी 3.5 फीसदी
तेलंगाना हैदराबाद 56 फीसदी 2.8 फीसदी
उत्तर प्रदेश आगरा, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर 42 फीसदी 3.1 फीसदी