शराब बिक्री को लेकर जांजगीर चांपा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर हंगामा मचा। महिलाएं लाठी लेकर पहुंची। विरोध करने वाली महिलाओं ने केंद्र सरकार की एडवाइजरी का पूरा ख्याल रखीं। चेहरे पर मास्क लगाने के साथ ही विरोध के दौरान शारीरिक दूरी का पालन भी करती रही। ग्राम कापन के शराब दुकान में आज सुबह से ही हंगामा मचा हुआ है। महिलाएं शराब की बिक्री न होने देने पर अड़ी हुई है। मौके पर पुलिस व जिला प्रशासन के आला अफसरों का जमावड़ा है।
लाकडाउन के दौरान प्रदेश में शराब दुकान खोले जाने का विरोध आरम्भ हो गया है। आज प्रदेश की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था वक्ता मंच के आव्हान पर जन समुदाय ने प्रातः 9 बजे अपने घर के आंगन,छत व दुकानों के सामने पोस्टर उठाकर सरकारी नीतियों का विरोध किया।वक्ता मंच के संयोजक शुभम साहू ने जानकारी दी है कि वक्ता मंच के आव्हान पर रायपुर सहित राजिम, गुंडरदेही, बेमेतरा, राजनांदगाव, धमतरी आदि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आम लोग विरोध कार्यवाही में शामिल हुए। मैं शराब दुकान खोले जाने का विरोध करता हूँ लिखे पोस्टर को लोगों ने हाथ मे उठाकर सेल्फी ली और फोटो खिंचवाए। उन्होंने आरोप लगाया है कि शराब दुकान खोले जाने के पहले दिन ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी तथा प्रदेश में अधिकांश जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो की धज्जियां उड़ाई गई। इससे प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु अब तक किये गए कार्यो के विफल होने का खतरा पैदा हो गया है।पूरे प्रदेश में आम जनता एक ही सवाल पूछ रही है कि पूर्ण शराबबंदी को घोषणा पत्र में शामिल कर सत्ता तक पहुंची सरकार लॉकडाउन के दौरान शराब दुकानों को क्यो आरम्भ कर रही है। लॉकडाउन की अवधि में प्रतिदिन जरूरतमंदों को राहत पहुँचानेवाली संस्था वक्ता मंच के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि शराब दुकाने खुल जाने से आम जनता की मुश्किल और बढ़ जाएगी। वही राहत कार्य मे संलग्न सामाजिक संस्थाओं में भी सरकार के इस निर्णय को लेकर गहरा असंतोष है एवं बहुत सी संस्थाये राहत कार्य बंद कर चुकी है।