रायपुर। छत्तीसगढ़ में पंजीयन विभाग जमीन के दस्तावेजों के पंजीयन में एनआईसी पुणे में विकसित एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर को लागू करने जा रहा है। एनआईसी पुणे ने इस सॉफ्टवेयर को छत्तीसगढ़ राज्य के लिए कस्टमाइज किया है। सरकार से अनुमति के बाद धमतरी उप पंजीयक कार्यालय में मंगलवार से इसका ट्रायल हो रहा है। एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर को देश के 10 राज्यों द्वारा अपनाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ इसे अपनाने वाला 11वां राज्य है। इस सॉफ्टवेयर में अन्य राज्यों में प्रचलित बेहतर प्रावधानों का समावेश किया गया है। संपत्ति के हक और स्वामित्व की जांच के लिए राजस्व विभाग के भुईंया सॉफ्टवेयर से इसका इंटीग्रेशन है। आने वाले समय में आधार एवं पैन से जोड़कर पक्षकारों की शिनाख्ती एवं वेरिफिकेशन आॅनलाइन किया जा सकेगा। इससे पंजीयन में जालसाजी की संभावना नगण्य हो जाएगी।
नये सॉफ्टवेयर से ऐसे करना होगा पंजीयन
अधिकारियों ने बताया, एनजीडीआरएस प्रणाली में दस्तावेजों के पंजीयन के लिए पक्षकार अथवा उसके प्रतिनिधि को पहली बार वेबसाइट के सिटीजन पार्ट में आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद सिटीजन लॉगिन कर संबंधित पंजीयन कार्यालय एवं विलेख प्रकार का चयन करना है। आॅनलाइन उपलब्ध फार्म में पक्षकारों और संपत्ति का विवरण को भरने पर स्वत: बाजार मूल्य, स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क की गणना हो जाएगी। ये शुल्क भी आॅनलाइन जमा हो जाएंगे। इसके बाद पंजीयन के लिए सुविधानुसार समय एवं तिथि का चयन कर अपार्टमेंट बुकिंग किया जाना होगा। इसके पश्चात निर्धारित तिथि एवं समय में पंजीयन कार्यालय में उपस्थित होकर मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने पर वेरिफिकेशन, स्वीकृति, शिनाख्ती आदि कार्यवाही संपादित होगी। आॅनलाइन शुल्क प्राप्ति के वेरिफिकेशन उपरांत उसी दिन दस्तावेज के पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण हो जाएगी। दस्तावेज की स्केनिंग बाद पक्षकार को मूल दस्तावेज की वापसी कर दी जाएगी।
दस्तावेजों का पंजीयन आसान हो जाएगा
अधिकारियों ने बताया, नई व्यवस्था के लागू होने पर दस्तावेजों का पंजीयन आसान हो जाएगा। पंजीयन का काम कम समय में किया जा सकेगा। पक्षकारों को पंजीयन कार्यालय में कम समय रुकना पड़ेगा। पंजीयन के दस्तावेज भी उसी दिन दिये जा सकेंगे। नई व्यवस्था से पंजीकृत दस्तावेजों को आॅनलाइन उपलब्ध कराया जा सकेगा। वहीं उनके नकल भारमुक्त प्रमाणपत्र आसानी से हासिल होगा। इस प्रणाली में दस्तावेजों का पंजीयन आॅनलाइन सिस्टम से किया जाएगा। समस्त डाटा एनआईसी के क्लाउड सर्वर में सुरक्षित रखा जाएगा।