
राजनांदगांव। राजनांदगांव विगत 26 दिसंबर 2020 से छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ के आवाहन पर प्रदेश के समस्त सचिव अपनी 1 सूत्रीय मांग शासकीय करण करने की मांग को लेकर जहां अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। वही 30 तारीख से रोजगार सहायक संघ भी इनका साथ देने के लिए कूद पड़े हैं जो आग में घी का काम कर गया और इन दोनों के संयुक्त हड़ताल में जाने से सरकार संकट में आ गई है। वहीं शासकीय कार्यों में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना जैसे कि नरवा गरवा घुरवा बारी गोधन योजना आवास योजना पेंशन योजना एवं सबसे महत्वपूर्ण जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए गांव वाले आज भटक रहे एवं शासन प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। राजनांदगांव जिला अध्यक्ष रामदुलार साहू जनपद मुख्यालय धरना स्थल राजनांदगांव पहुंच कर सचिवो एवं रोजगार सहायकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव राम है तो रोजगार सहायक लक्ष्मण और यदि राम लक्ष्मण दोनों मिल गए हैं तो लंका विध्वंस तय हैं अभी भी समय है।
सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती तो आगे भीषण दुष्परिणाम होंगे। इसके लिए अगर नेशनल हाईवे जाम करना पड़े या ट्रेन के पहिए रोकना पड़े,तो भी हम तैयार हैं। पहले तो कोरोना काल ने रोका था लेकिन इस समय सचिव और रोजगार सहायक संघ सरकार को अपनी शक्ति का प्रदर्शन दिखाएगा।
25 साल से हो रहा हमारा शोषण
उन्होंने कहा पिछले 25 वर्षों से हम लोगों का शोषण हो रहा है आश्वासन पर आश्वासन मिलते आया है, हमारी समस्याओं पर अब तक किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया, यह लड़ाई अंतिम लड़ाई है। इसके लिए चाहे हमें कुछ भी करना पडे, जरूरत पडी तो हम सामूहिक रूप से इस्तीफा भी देने के लिए तैयार है। इसके बाद उन्होंने अपनी तूफानी यात्रा को विकासखंड खैरागढ़,और वहां से छुईखदान की ओर प्रस्थान किया।।
सरकार के पास विधायकों का वेतनमान बढ़ाने के लिए बजट, हमारे लिए रोना
रोजगार सहायक संघ के जिला अध्यक्ष नवल किशोर साहू ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के पास मंत्री, विधायकों का वेतनमान बढ़ाने के लिए बजट हैं, परंतु हम लोगों के लिए बजट का रोना रोते हैं। इस मौके पर प्रमुख रूप से प्रांत उपाध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष रामदुलार साहू, रो.सहा.संघ जिला अध्यक्ष नवल किशोर, ब्लाक अध्यक्ष यशवंत जंघेल जी,जिला सचिव महेंद्र साहू,अजय कश्यप, के साथ साथ भारी संख्या में सचिव एवं रो.सहायक साथी मौजूद रहे।
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