जम्मू-कश्मीर। पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर सुरक्षाबलों ने आतंकी हमले की बड़ी साजिश नाकाम कर दी। जम्मू बस स्टैंड से सुरक्षाबलों ने रविवार को करीब 6 किलो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईइडी) बरामद की। सुरक्षाबलों ने पूरे बस स्टैंड पर सर्च आॅपरेशन चलाया। पुलिस के मुताबिक, पाकिस्तान के सपोर्ट वाले आतंकी संगठन अल बद्र ने पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर ब्लास्ट की साजिश रची थी।
जम्मू पुलिस के आईजी मुकेश सिंह ने बताया कि 3 दिन से पुलिस अलर्ट थी। जानकारी मिली थी कि पुलवामा हमले की बरसी पर आतंकी संगठन कुछ बड़ा करने की प्लानिंग कर रहे हैं। इस बार धमाका जम्मू में होना था।
पाकिस्तान से मिले थे आईइडी लगाने के निर्देश: आईजी ने बताया कि शनिवार रात हमने गश्त के दौरान सोहेल नाम के शख्स को अरेस्ट किया। उसके बैग से आईइडी बरामद हुई। यह एक्टिव नहीं थी। सोहेल ने बताया कि वह चंडीगढ़ में पढ़ता है। वह पाकिस्तान में मौजूद अल बद्र के निर्देश पर आईइडी प्लांट करने आया था।
चंडीगढ़ से काजी वसीम भी गिरफ्तार
इस साजिश की जानकारी चंडीगढ़ के एक युवक काजी वसीम को थी। उसे भी पकड़ कर लिया गया है। आतंकियों के एक और साथी आबिद नबी को भी अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा शनिवार देर रात सांबा के झांग से 6 पिस्टल और 15 छोटे आईएडी बम भी बरामद किए गए हैं। इसकी जांच जारी है।
नए संगठन बनाकर हमले कर रहे जैश और लश्कर
पुलिस ने बताया कि कुछ अरसे में कश्मीर में नए आतंकी संगठन बने हैं। इनमें टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट है। पिछले कुछ वक्त से लश्कर अपनी सभी साजिशों को टीआरएफ के नाम से ही अंजाम दे रहा है। जैश का नया संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा अगस्त 2020 से एक्टिव है। अनंतनाग पुलिस ने दोनों संगठनों का खुलासा किया। दोनों के चीफ कमांडर को पकड़ा लिया गया है।