रायपुर। राज्य के बीएड कॉलेजों में प्रवेश के लिए एक बार फिर करीब 26 हजार दावेदार हैं। पहले चरण के बाद बीएड की करीब 8 हजार सीटें खाली है। इन 26 हजार दावेदारों के बीच सीटों का आबंटन होगा। इस बार भी ग्रेजुएशन में मिले नंबरों के आधार पर सीटें बांटी जाएगी। इस तरह से ग्रेजुएशन में जिनका प्राप्तांक कम होगा उन्हें इस बार भी सीटें मिलनी मुश्किल है। दूसरे चरण के लिए फाइनल आबंटन लिस्ट 5 जनवरी को जारी होगी। शिक्षाविदों का कहना है कि जिन्हें सीटें आबंटित की जाएगी। उन्हें प्रवेश के लिए समय दिया जाएगा। इसके बाद सीटें खाली रहने पर तीसरे चरण के तहत फिर से आवेदन मंगाए जाएंगे। पूरी सीटें आबंटन का यह मतलब नहीं है कि जिन्हें सीटें दी गई है उनका प्रवेश हो गया है। राज्य में बीएड की करीब 14 हजार सीटें हैं। पहले चरण के तहत इन सीटों के लिए करीब 36 हजार फार्म मिले थे। इसके अनुसार सभी सीटों का आबंटन हुआ लेकिन निर्धारित तारीख तक 6 हजार छात्रों ने ही प्रवेश लिया। बड़ी संख्या में ऐसे भी छात्र थे जिन्हें सीटें दी गई लेकिन उन्होंने प्रवेश नहीं लिया। इसलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि दूसरे चरण में भी पूरी सीटें भरेगी या नहीं।
–दावा-आपत्ति के लिए लिस्ट 3 को आएंगी
दूसरे चरण में प्रवेश के लिए करीब 4 हजार फार्म मिले हैं। जबकि पहले चरण में आवेदन करने वाले करीब 22 हजार छात्र हैं, जिन्हें सीटें नहीं मिली थी। इस तरह से दूसरे चरण के लिए करीब 26 हजार दावेदार हैं। इसके अनुसार 3 जनवरी को दावा-आपत्ति के लिए आबंटन सूची जारी होगी। इसके बाद फिर 5 जनवरी को फाइनल लिस्ट जारी होगी। इसके अनुसार 11 जनवरी तक प्रवेश होगा।
–सीटें खाली लेकिन आवेदन नहीं
बीए.बीएड व बीएससी.बीएड सामान्य बीएड की तुलना में अलग कोर्स है। बारहवीं पास हो चुके छात्रों को प्रवेश की पात्रता रहती है। इसके कोर्स की अवधि चार साल की है। पिछले दिनों इसके लिए भी प्रवेश की प्रक्रिया चली। कुछ 200 सीटों के लिए तीन चरणों में काउंसिलिंग हुई। इसके लिए करीब 1800 आवेदन मिले थे। लेकिन आखिरी तारीख तक 93 सीटें खाली रह गई। इसे लेकर फिर आवेदन की मांग की जा रही है। लेकिन अब तक इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं हुई। शिक्षाविदों का कहना है कि खाली सीटों को भरने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि और भी छात्रों का प्रवेश हो सके। अभी दो वर्षीय बीएड में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही चार वर्षीय बीए.बीएड व बीएससी.बीएड में भी प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए।