लंदन से 1200 वर्ष पुरानी योेगिनी की मूर्ति 40 वर्ष बाद वापस लाई गई है। बकरी के सिर वाली इस मूर्ति को पुराना किला स्थित संग्रहालय को सौंप दिया गया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय तय करेगा कि मूर्ति चित्रकूट के उसी लौरी ग्राम पंचायत के लोखरी गांव के 64 योगिनी मंदिर में स्थापित की जाए या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास ही रखा जाए। पूरी संभावना है कि मूर्ति उस मंदिर को सौंपी जाए जहां से इसे चोरी किया गया था। बशर्ते उस मंदिर या संस्था द्वारा इसकी सुरक्षा की गारंटी लेनी होगी।
जानकार बताते हैैं कि बलुआ पत्थर की बनी हुई यह मूर्ति कई मामलों में विशेष है। यह पहली ऐसी मूर्ति है जिसमें योगिनी का सिर बकरी का है। ऐसे में मूर्ति को राष्ट्रीय संग्रहालय को दिया जा सकता है या पुराना किला संग्रहालय में प्रदर्शित किया जा सकता है। इससे पहले भगवान शिव और राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां देश वापस लौट चुकी हैं। राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां दो साल पहले तमिलनाडु सरकार को सौंपी गई हैं।
42 साल पहले मूर्ति की हो गई थी चोरी
योगिनी की यह मूर्ति 10वीं शताब्दी की बनी हुई है। 42 वर्ष पहले 1980 में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के लौरी ग्राम पंचायत के लोखरी गांव (अब चित्रकूट जिला) के 64 योगिनी मंदिर से चोरी हो गई थी। अक्टूबर, 2021 में लंदन में भारतीय उच्चायोग को इंग्लिश कंट्री गार्डेन में योगिनी की मूर्ति होने की जानकारी मिली थी। भारत स्वाभिमान परियोजना के तहत इस दिशा में कदम उठाया गया और लंदन प्रशासन ने इस मूर्ति को भारत को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की थी। एएसआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में बड़ी संख्या में चोरी की गई धरोहर वापस लाई गई हैं।