मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले बीजेपी ने अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट के बैकग्राउंड पोस्टर को बदल दिया है। पोस्टर में अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख दर्ज है। इसे 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। विधानसभा चुनाव के परिणाम की प्रतिक्षा कर रही कांग्रेस अब बीजेपी के नए तेवर से सकते में है। कांग्रेस ने बीजेपी पर धर्म और ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। पोस्टर में बदलाव के पीछे क्या है बीजेपी का प्लान और कांग्रेस की तैयारी।
2024 के आम चुनाव के ऐन पहले अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि के प्रचार को लेकर बीजेपी का कदम चौंकाने वाला है। राम मंदिर में 22 जनवरी की रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि को लेकर इतना प्रचार केवल रस्म अदायगी वाली बात नहीं है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में राम मंदिर मुद्दे की एंट्री करा चुकी बीजेपी अब तिथि के बैकग्रांउड के साथ अपने संकल्प को दोहरा रही है। साथ ही बीजेपी ने यह प्रदर्शित करने का प्रयास किया है कि वह जो वादा करती है, उसे पूरा करती है।
कांग्रेस इसे बीजेपी पर धर्म और ध्रुवीकरण की राजनीति करने के प्रयास का आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को भुनाना चाहती है, जबकि रामकाज तो कांग्रेस ने भी किए हैं, लेकिन राम को राजनीति और वोट के लिए इस्तेमाल नहीं किया। प्राण प्रतिष्ठा की तिथि का प्रचार करने वाली बीजेपी मंदिर निर्माण की तिथि बताने से कतराती रही है।
बीजेपी की विशेषता यह है कि वह कुछ भी बेवजह नहीं करती है। अगर उसने इंटरनेट मीडिया में बैकग्राउंड भी बदला है तो उसके बैक में भी कोई ग्राउंड होगा। बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले जनमानस के जेहन में यह बैठा देना चाहती है कि उसने नारा दिया था – सौगंध राम की खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे तो उसी बनाया है। अब देखना होगा कांग्रेस और इंडिया गठबंधन इसके विरुद्ध कौन सी रणनीति तैयार करते हैं।