रायपुर। कोरोना काल में बंद हुए स्कूलों की आर्थिक स्थिति बेहद चिंताजनक है। बुधवार को राजधानी के निजी स्कूल संचालकों द्वारा समस्या समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें जिले के निजी स्कूलों के 650से भी अधिक प्राचार्य शामिल हुए l प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा यह कार्यक्रम रखा गया था। शासन स्तर से भी अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे जिन्होंने प्राचार्य के सवालों का जवाब दिया सिविल लाइन स्थित जेडी डागा विद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।जिसमें विधायक सत्यनारायण शर्मा जिला शिक्षा अधिकारी बंजारे प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता मोती जैन सहित संघ के अन्य सदस्य भी शामिल थे।
कार्यक्रम के दौरान अधिकांश स्कूलों की एक ही समस्या थी कोरोना काल में स्कूल में फीस नहीं आ रही है । स्कूल में फीस नहीं आने के कारण आर्थिक स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो गई है।कई ऐसे स्कूल हैं जो बंद होने की कगार में है। इतना ही नहीं समस्या बताने वाले स्कूलों में ऐसे लोग भी शामिल थे जो स्कूल चालू होने के बाद भी छात्रों की राह देख रहे हैं। स्कूल शुरू होने के बाद भी छात्र स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं, इसका कारण वह भी नहीं समझ पा रहे हैं। ऐसे में स्कूल संचालकों के सामने यह बड़ी समस्या है कि वह स्कूल को ऑफलाइन चलाएं या ऑनलाइन स्कूल को दोनों तरीके से संचालन कर पाना फीस के अभाव में लोगों को असंभव महसूस हो रहा है।
एक प्राइवेट स्कूल के संचालक ने बताया कि उनके स्कूल में कोर्णाक काल में फीस देने वालों की संख्या मात्र 30% है बचे हुए चालकों ने अभी तक किसी भी तरह की चर्चा नहीं की है कई बार निवेदन करने के बाद भी फीस लोग नहीं पे कर रहे हैं जिसके कारण अभी स्कूल की बिल्डिंग का किराया देना और बच्चों को लाने ले जाने वाली गाड़ियों का वाहन कर पाना भी मुश्किल हो गया है। जो स्कूल की राय की बिल्डिंग में चल रहे हैं और जिनमें जो लोन में है उनके सामने आर्थिक समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है इसके साथ ही लोगों को यह भी समझने की आवश्यकता है कि अगर फीस नहीं दी गई तो शिक्षकों को सैलरी कैसे दी जाएगी जो लगातार शुरू से ऑनलाइन क्लासेज बच्चों के लिए दे रहे हैं। प्राचार्य का यह भी कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस में बच्चों की पढ़ाई बहुत ही अच्छे से और सुविधाजनक जनक तरीके से चल रही है। उसके बाद भी लोग फीस नहीं दे रहे हैं।