विमानन परामर्श कंपनी सीएपीए ने कहा कि भारतीय विमानन कंपनियों के 75 से अधिक विमान रखरखाव और इंजन संबंधी समस्याओं के कारण्ा फिलहाल बंद हैं। ये विमान कुल भारतीय बेड़े का करीब 10-12 प्रतिशत भाग हैं। सीएपीए ने इंडिया मिड-ईयर आउटलुक 2023 में कहा कि दूसरी छमाही में इसका वित्तीय नतीजों पर भी बड़ा असर दिखेगा। पहले से ही प्रतिकूल लागत वाले माहौल में ये बंद विमान गंभीर चुनौतियां पैदा कर रहे हैं और बढ़ते नुकसान में योगदान दे रहे हैं।
गौरतलब है कि दो सूचीबद्ध कंपनियों इंडिगो और स्पाइसजेट सहित घरेलू एयरलाइनों में से किसी ने भी अब तक विमानों के बंद होने की कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान और भविष्य की डिलीवरी को प्रभावित करने वाली गंभीर आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों से क्षमता प्रभावित हुई है। इसमें अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में इन मुद्दों के बढ़ने की संभावना है जो भविष्य में डिलीवरी को प्रभावित करेगा।
सीएपीए के अनुसार, भविष्य की डिलीवरी में देरी तरलता के मुद्दों को भी प्रतिबिबित कर सकती है क्योंकि बिक्री और लीज बैक फाइनेंसिग से आय अनुमान से कम हो सकती है। विमान की डिलीवरी में देरी के परिणामस्वरूप वाहकों के लिए यूनिट लागत में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि बेड़े में पुराने विमानों के पट्टों का विस्तार करने की आवश्यकता होती है। इनकी रखरखाव लागत और ईंधन की खपत नए विमानों की तुलना में अधिक होती है, जो उन्हें बदल देती। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगले साल पायलटों और इंजीनियरों की कमी जैसे मुद्दे भी सामने आ सकते हैं।