यूक्रेन युद्ध से संबद्ध सभी पक्षों से रूस वार्ता को तैयार है लेकिन कीव और उसके समर्थक पश्चिमी देशों ने बातचीत से इन्कार कर दिया है। यह बात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सार्वजनिक हुए साक्षात्कार में कही है। उन्होंने यह साक्षात्कार रूस के सरकारी टेलीविजन रूसिया वन को दिया है। प्रतिक्रिया में यूक्रेन ने कहा है कि हमलों के बीच पुतिन वार्ता करने का बयान दे रहे हैं, वास्तव में वह किसी से वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं।
यूक्रेन में पिछले दस महीनों से जारी संघर्ष द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप का सबसे बड़ा हिंसक टकराव बन गया है। इसमें अभी तक दसियों हजार लोग मारे जा चुके हैं और हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है। लेकिन इस युद्ध के थमने के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं। इस युद्ध में रूस के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देश यूक्रेन को भरपूर मदद दे रहे हैं। रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन में अपने उद्देश्य प्राप्त करने तक लड़ेगा, जबकि यूक्रेन कह रहा है कि वह अपनी सारी भूमि रूस से वापस लिए बगैर युद्ध नहीं रोकेगा। यूक्रेन अब 2014 में रूस के कब्जे में गए क्रीमिया और डोनबास के इलाके को भी वापस लेने की बात कह रहा है।
पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध के स्वीकार्य समाधान पर वह किसी से भी बात करने के लिए तैयार हैं। अब यह यूक्रेन और उसके सहयोगी राष्ट्रों पर निर्भर करता है कि वे कब वार्ता के लिए तैयार होते हैं। पुतिन ने कहा, उन्होंने कभी भी बातचीत से इन्कार नहीं किया। रूसी राष्ट्रपति ने कहा, रूस के लिए यूक्रेन में कार्रवाई करना आवश्यक हो गया था क्योंकि अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देश उनके देश को तोड़ना चाहते थे। इसलिए यूक्रेन में हमारी कार्रवाई उचित और सही दिशा में है। हम अपने राष्ट्रहितों की रक्षा के लिए यह सैन्य कार्रवाई कर रहे हैं। रूस सरकार के पास अपने नागरिकों के रक्षा के लिए और कोई रास्ता नहीं था।
रूस के 99.9 प्रतिशत लोग अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए सब कुछ छोड़ने के लिए तैयार हैं। मेरे लिए भी देश से ज्यादा कुछ नहीं है। विदित हो कि अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो में शामिल होने की यूक्रेन की प्रबल इच्छा के विरोध में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के बहुत ज्यादा खतरनाक होने और विश्वयुद्ध होने की आशंका को भी खारिज किया है। पश्चिमी देशों ने कई बार ऐसी आशंका जताई है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के निदेशक विलियम बर्न्स ने इसी महीने एक साक्षात्कार में कहा था कि ज्यादातर हिसक टकराव बातचीत से ही खत्म हुए हैं लेकिन रूस अभी बातचीत को लेकर गंभीर नहीं है।
रूसी गोलाबारी में 16 मरे
रूसी सेना के हमले में खेरसान प्रांत के 16 लोग मारे गए हैं और 64 घायल हुए हैं। भीषण ठंडक के बीच क्षेत्र में रूसी गोलाबारी चल रही है। शनिवार को शुरू हुई यह गोलाबारी क्रिसमस के दिन रविवार को भी जारी रही। इसमें अभी तक कुल 16 लोग मारे गए हैं। घायल लोगों में कई की हालत गंभीर है।