सोने की बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी पर लगाम लगाने के लिए सरकार इसके आयात शुल्क को कम करने का कदम उठा सकती है। अगर ऐसा होता है तो दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता यानी भारत में शादी-विवाह के मौसम से पहले सोना सस्ता हो सकता है। इससे न केवल खुदरा बिक्री बढ़ेगी बल्कि वैश्विक कीमतों को भी समर्थन मिलेगा। बता दें कि कोरोना के बाद सोने के अवैध आयात में तेज उछाल देखने को मिला है।
आयात शुल्क में कटौती की संभावना के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में एक अधिकारी ने कहा, सरकार ऊंची श्ुल्क दरों से पैदा होने वाली समस्याओं से अवगत है और इस संबंध में जल्द ही कदम उठाया जाएगा। दरअसल, तस्कर विदेश से सोना लाते हैं और शुल्क बचाने के लिए इसे नकद में बेचते हैं। पिछले साल जुलाई में तस्करी को उस समय और बल मिला जब सरकार ने व्यापार घाटे को कम करने और रुपये को समर्थन देने के लिए बुनियादी आयात शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया।
फिलहाल सोने के आयात पर 18.5 प्रतिशत का शुल्क चुकाना होता है, जिसमें बुनियादी आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत, 2.5 प्रतिशत कृषि अवसंरचना विकास उपकर सहित अन्य कर शामिल हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार बुनियादी आयात शुल्क को 12.5 प्रतिशत से नीचे लाने पर विचार कर रही और जल्द ही इस दिशा में कदम उठाया जाएगा। जब इस बारे में वित्त मंत्रालय से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने जवाब देने से इन्कार कर दिया है। उधर, वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि वह सोने पर आयात शुल्क में कटौती के पक्ष में है और उसने वित्त मंत्रालय से ऐसा करने को कहा था।