चीन एक तरफ भारत के साथ बातचीत जारी रखे हुए है, दूसरी तरफ लद्दाख में अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर जारी तनातनी को देखते हुए भारतीय रक्षा मंत्रालय 30 जनरल एटॉमिक्स MQ-9A रीपर ड्रोन अमेरिका से खरीदने की तैयारी कर रहा है। ड्रोन खरीदने का सौदा 3 बिलियन डॉलर यानि 22,000 करोड़ रुपये में होगा।
रक्षा मंत्रालय ने आंतरिक बैठकों के बाद 6 रीपर मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोनों की प्रारंभिक लॉट की खरीद का रास्ता साफ कर दिया है। अब भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए ये 6 ड्रोन अमेरिका से तुरंत खरीदे जाएंगे। सेना के तीनों अंगों को फिलहाल दो-दो ड्रोन मिलेंगे। जिससे हर सेना की ताकत में दोगुना क्षमता बढ़ जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की आगामी बैठक से पहले 30 ड्रोनों के लिए स्वीकृति की आवश्यकता (AON) को प्रमुखता से रखा जाएगा। इस हिसाब से अनुबंध को दो भागों में बांटा जा रहा है। करीब 600 मिलियन डॉलर (4,400 करोड़ रुपये) के 6 MQ-9s आने वाले कुछ महीनों में एकमुश्त पैसे देकर खरीदे जाएंगे और तीनों सेनाओं को दे दिए जाएंगे। वहीं बाकी 24 ड्रोन अनुबंध में विकल्प के तहत अगले तीन वर्षों में हासिल कर लिए जाएंगे। इनमें से तीनों सेनाओं को 8-8 ड्रोन फिर दिए जाएंगे।